अपनी संक्षिप्त यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति अल्कमिन ने कहा, “निवारक और सतत स्वास्थ्य सेवा के लिए आज दुनिया को आयुर्वेद के शाश्वत ज्ञान की आवश्यकता है। यह प्रणाली न केवल उपचार करती है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाती है।”
हल्के-फुल्के अंदाज़ में उन्होंने यह भी जोड़ा कि, “अगर यह यात्रा इतनी छोटी न होती, तो मैं अपनी पीठ के दर्द का इलाज यहीं AIIA में करवाता।”
भारत के नेतृत्व की सराहना
महामहिम ने पारंपरिक और एकीकृत चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने AIIA द्वारा स्वास्थ्य, अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को “अद्भुत” बताया और कहा कि आयुर्वेद जैसी प्रणाली आने वाले समय में वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे का अहम हिस्सा बनेगी।
प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे उपराष्ट्रपति
ब्राज़ील के उपराष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी सुश्री मारिया लूसिया अल्कमिन समेत 14 वरिष्ठ अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया। प्रतिनिधिमंडल में भारत में ब्राज़ील के राजदूत महामहिम श्री केनेथ नोब्रेगा, ब्राज़ील की स्वास्थ्य नियामक एजेंसी ANVISA के निदेशक श्री रोमिसन रोड्रिग्स सहित कई वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल थे।
भारतीय अधिकारियों ने किया स्वागत
AIIA परिसर में उपराष्ट्रपति और प्रतिनिधिमंडल का स्वागत आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और संस्थान के निदेशक प्रो. (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने किया। वैद्य कोटेचा ने इस अवसर पर भारत-ब्राज़ील के बीच पारंपरिक चिकित्सा, अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सहयोग को और गहरा करने का आह्वान किया।
संस्थान के विभिन्न विभागों का दौरा
अपने दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने AIIA के अस्पताल खंड, अनुसंधान प्रभाग, शिक्षण विभाग और एकीकृत स्वास्थ्य विज्ञान केंद्र का अवलोकन किया। उन्होंने संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों से भी बातचीत की।
AIIA की वैश्विक पहल, अनुसंधान आधारित सफलताओं और अंतरराष्ट्रीय सहयोगों की जानकारी उपराष्ट्रपति को एक विस्तृत प्रस्तुति के माध्यम से दी गई।
सहयोग की दिशा में आगे बढ़ते भारत और ब्राज़ील
AIIA और ब्राज़ील के कई प्रमुख संस्थानों के बीच पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में तीन प्रमुख समझौता ज्ञापन (MoUs) पर हस्ताक्षर हुए हैं, जिनमें शामिल हैं:
श्री वजेरा फाउंडेशन एवं संबद्ध संस्थानों के साथ समझौता
_रियो डी जनेरियो के संघीय विश्वविद्यालय (UFRJ) और CABSIN के साथ सहयोग
_फ्यूचर विज़न इंस्टीट्यूट एवं साओ पाउलो के संघीय विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी
इन सहयोगों का उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की गुणवत्ता, सुरक्षा और सुलभता सुनिश्चित करना है, साथ ही वैश्विक अनुसंधान और ज्ञान-विनिमय को भी बढ़ावा देना है।
आयुर्वेद को मिल रही वैश्विक मान्यता
भारत और ब्राज़ील – दोनों जैव विविधता और पारंपरिक स्वास्थ्य प्रणालियों में समृद्ध राष्ट्र हैं। आयुर्वेद, योग और अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियाँ अब ब्राज़ील समेत विश्व के कई हिस्सों में लोकप्रिय हो रही हैं। यह दौरा इस बात का प्रमाण है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में दोनों देशों का साझा दृष्टिकोण भविष्य में और भी मज़बूत सहयोग का आधार बनेगा।