संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) प्रदीप कुमार प्रजापति ने रैली को संस्थान परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर पूर्व निदेशक (प्रभारी) प्रो. (डॉ.) मंजुषा राजगोपाल, विभागाध्यक्षगण, संकाय सदस्य, स्नातकोत्तर एवं शोधार्थी, अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
रैली AIIA परिसर से शुरू होकर आयुष मंत्रालय तक निकाली गई, जिसमें प्रतिभागियों ने आयुर्वेद दिवस का प्रतीक चिन्ह और संदेश लिए झंडों के साथ अपनी सहभागिता दर्ज कराई। रैली ने राजधानी की सड़कों पर आयुर्वेद के प्रति जन-जागरूकता की गूंज बिखेरी।
इस अवसर पर निदेशक डॉ. प्रजापति ने कहा,
"यह रैली आयुर्वेद के मूल सिद्धांत – संतुलन – का प्रतीक है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य से लेकर पर्यावरणीय समरसता तक, आयुर्वेद एक समग्र जीवनदृष्टि प्रदान करता है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से हम समाज को प्रेरित करते हैं कि वे आयुर्वेद को केवल चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि जीवनशैली के रूप में अपनाएं।"
यह आयोजन आगामी 23 सितम्बर को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की पूर्वपीठिका के रूप में देखा जा रहा है। गौरतलब है कि भारत सरकार ने हाल ही में 23 सितम्बर — जो कि शरद संपात (Autumnal Equinox) का दिन है — को प्रतिवर्ष "राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस" के रूप में घोषित किया है। यह दिन प्रकृति के संतुलन और आयुर्वेद के सिद्धांतों का प्रतीक माना जाता है।
आयुष मंत्रालय एवं AIIA लगातार जनजागरूकता अभियानों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा सहयोगात्मक पहलों के माध्यम से आयुर्वेद को मुख्यधारा स्वास्थ्य प्रणाली और सतत जीवनशैली से जोड़ने के लिए संकल्पबद्ध हैं।