Tranding
Wednesday, July 2, 2025

24JT News Desk / New Delhi /May 7, 2025

मसूद अज़हर, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 1 मई 2019 को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया, एक ऐसा नाम है जो भारत में आतंकवाद के कई जघन्य कांडों का पर्याय बन चुका है। 56 वर्षीय मौलाना मसूद अज़हर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक और नेता है, जो मुख्य रूप से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सक्रिय है। भारत ने उसे अपनी सबसे वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया है, क्योंकि वह 2001 के संसद हमले, 2008 के मुंबई हमले, 2016 के पठानकोट हमले और 2019 के पुलवामा हमले जैसे कई आतंकी हमलों की साजिश में शामिल रहा है।

देश / मसूद अज़हर कौन है? आतंक का पर्याय और जैश-ए-मोहम्मद का सरगना

मोहम्मद मसूद अज़हर अलवी का जन्म 10 जुलाई 1968 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में हुआ था, हालांकि कुछ स्रोत उनकी जन्म तिथि 7 अगस्त 1968 बताते हैं। वह 11 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर थे, जिनमें पांच बेटे और छह बेटियां थीं। उनके पिता, अल्लाह बख्श शब्बीर, एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर और दारूल उलूम देवबंदी विचारधारा से जुड़े मौलवी थे। उनका परिवार एक डेयरी और पोल्ट्री फार्म भी चलाता था। मसूद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद कराची के जामिया उलूम उल इस्लामिया बिनूरी टाउन में दाखिला लिया, जहां वे कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित हुए। यहीं से उनकी जिहादी यात्रा शुरू हुई।

1980 के दशक में, मसूद अज़हर ने हरकत-उल-अंसार (बाद में हरकत-उल-मुजाहिदीन) नामक आतंकी संगठन से जुड़कर जिहादी गतिविधियों में हिस्सा लिया। सोवियत-अफगान युद्ध के दौरान वह घायल हो गए, जिसके कारण उनकी शारीरिक सीमाओं ने उन्हें युद्ध के मैदान में सक्रिय होने से रोका। इसके बजाय, उन्हें संगठन के प्रचार विभाग में नियुक्त किया गया। वे उर्दू भाषा में 'सदा-ए-मुजाहिदीन' और अरबी भाषा में 'सावते कश्मीर' पत्रिकाओं के संपादक बने। उनकी लेखन और भाषण देने की कला ने उन्हें युवाओं को कट्टरपंथ की ओर प्रेरित करने में माहिर बना दिया। 1992 तक, उन्होंने हरकत-उल-अंसार में प्रेरणा विभाग की स्थापना की और कई देशों जैसे सऊदी अरब, ज़ाम्बिया, और यूनाइटेड किंगडम में जाकर धन संग्रह और जिहादी प्रचार किया।

1994 में, मसूद अज़हर एक फर्जी पुर्तगाली पासपोर्ट पर श्रीनगर पहुंचे, जहां वे हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी और हरकत-उल-मुजाहिदीन के बीच तनाव को कम करने आए थे। फरवरी 1994 में, भारतीय सुरक्षा बलों ने उन्हें खानाबल, अनंतनाग के पास गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय उन्होंने कहा, "इस्लाम के सैनिक 12 देशों से कश्मीर को आज़ाद करने आए हैं। हम आपके कार्बाइनों का जवाब रॉकेट लॉन्चर से देंगे।" उन्हें श्रीनगर के बादामी बाग कैंटोनमेंट, दिल्ली के तिहाड़ जेल, और अंत में जम्मू के कोट बलवाल जेल में रखा गया।

1995 में, हरकत-उल-मुजाहिदीन के छद्म नाम अल-फरान ने जम्मू-कश्मीर में छह विदेशी पर्यटकों का अपहरण कर लिया और उनकी रिहाई के लिए मसूद अज़हर की रिहाई की मांग की। यह मांग पूरी नहीं हुई, और अपहरण का अंत दुखद रहा।

1999 में, मसूद अज़हर की रिहाई तब हुई जब इंडियन एयरलाइंस के फ्लाइट IC-814 का अपहरण कर लिया गया। यह विमान काठमांडू से नई दिल्ली जा रहा था, लेकिन अपहरणकर्ताओं ने इसे कंधार, अफगानिस्तान ले जाया, जो उस समय तालिबान के नियंत्रण में था। अपहरणकर्ताओं, जिनका नेतृत्व मसूद के भाई इब्राहिम अथर ने किया और योजना उनके छोटे भाई अब्दुल रऊफ असगर ने बनाई, ने मसूद अज़हर सहित तीन आतंकियों की रिहाई की मांग की। भारत सरकार ने बंधकों की जान बचाने के लिए मसूद को रिहा कर दिया, एक ऐसा निर्णय जिसे बाद में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल सहित कई लोगों ने "कूटनीतिक विफलता" करार दिया।

रिहाई के बाद, मसूद अज़हर ने कराची में 10,000 लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, "मैं यहां इसलिए आया हूं क्योंकि मेरा कर्तव्य है कि मैं आपको बताऊं कि मुसलमान तब तक चैन से नहीं रह सकते जब तक हम भारत को नष्ट नहीं कर देते।" इसके बाद, उन्होंने 2000 में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की स्थापना की, जो जल्द ही पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का प्रमुख चेहरा बन गया। जैश ने भारत में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया, जिनमें शामिल हैं:
2001: भारतीय संसद पर हमला, जिसने भारत-पाकिस्तान को युद्ध के कगार पर ला दिया।
2008: मुंबई हमले, जिसमें 166 लोग मारे गए।

2016: पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमला।

2019: पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमला, जिसमें 40 जवान शहीद हुए।

जैश-ए-मोहम्मद को 2001 में संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठन घोषित किया, और मसूद अज़हर को 2019 में वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल किया गया।

यह सर्वविदित है कि मसूद अज़हर पाकिस्तान में रहता है, मुख्य रूप से बहावलपुर में, जहां जैश का मुख्यालय जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह स्थित है। हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने बार-बार उसके ठिकाने की जानकारी होने से इनकार किया है। भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, और फ्रांस ने कई बार संयुक्त राष्ट्र में मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने की कोशिश की, लेकिन चीन ने तकनीकी कारणों का हवाला देकर इसे बार-बार रोका। अंततः 2019 में, चीन ने अपनी आपत्ति वापस ले ली, जिसके बाद मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित किया गया।

हाल ही में, 2024 में, मसूद अज़हर के बहावलपुर में एक शादी समारोह में भाषण देने की खबरें सामने आईं, जिसकी पुष्टि इंडिया टुडे के ओपन सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) ने की। यह दर्शाता है कि वह न केवल जीवित है बल्कि सक्रिय भी है।

मई 2025 में, भारत ने पाहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ स्थानों पर 24 सटीक मिसाइलें दागी गईं। इस हमले में जैश के बहावलपुर मुख्यालय को निशाना बनाया गया, जिसमें मसूद अज़हर ने दावा किया कि उनके 10 परिवारजन, जिसमें उनकी बड़ी बहन, उनके पति, भांजा, भांजी, और पांच बच्चे शामिल थे, मारे गए। मसूद ने इसे "अल्लाह का मेहमान बनने का सौभाग्य" करार दिया और कहा कि उन्हें "न कोई पछतावा है, न निराशा।"

भारतीय अधिकारियों ने नागरिक हताहतों पर खेद व्यक्त किया, लेकिन जोर दिया कि हमले आतंकी ठिकानों पर सटीक थे और नागरिक हानि को न्यूनतम रखने के लिए देर रात को किए गए।

मसूद अज़हर एक ऐसा आतंकी सरगना है, जिसने अपनी लेखन और वक्तृत्व कला के दम पर हजारों युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेला। उसकी गतिविधियों ने न केवल भारत-पाकिस्तान संबंधों को प्रभावित किया, बल्कि वैश्विक आतंकवाद के परिदृश्य को भी बदल दिया। भारत उसे न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन पाकिस्तान में उसका संरक्षण और अंतरराष्ट्रीय राजनीति की जटिलताएं इस राह में बाधा बनी हुई हैं।

Subscribe

Tranding

24 JobraaTimes

भारतीय लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को बनाये रखने व लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए सवंत्रता, समानता, बन्धुत्व व न्याय की निष्पक्ष पत्रकारिता l

Subscribe to Stay Connected

2025 © 24 JOBRAA - TIMES MEDIA & COMMUNICATION PVT. LTD. All Rights Reserved.