इस विशेष अवसर पर वरिष्ठ नौसेना अधिकारी, विशिष्ट अतिथि, शिक्षकगण, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इस वर्ष वार्षिक दिवस का विषय था – ‘स्वदेश अनुराग’, यानी देश के प्रति प्रेम और समर्पण।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में झलकी भारतीय विरासत की झलक
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसके पश्चात विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। शास्त्रीय नृत्य, देशभक्ति से ओतप्रोत गीतों पर आधारित नाट्य प्रस्तुति और रंगारंग नृत्य-नाटिका ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का समापन एक प्रेरणादायी मंचन से हुआ, जिसमें भारत की प्रगति और रक्षा बलों को समर्पण की झलक दिखाई गई।
विशेष गीत और पुस्तकों का विमोचन
इस अवसर पर एनडब्ल्यूडब्ल्यूए अध्यक्षा श्रीमती शशि त्रिपाठी द्वारा ‘हीरक जयंती गीत’ का औपचारिक विमोचन किया गया, जिसे विद्यालय के शिक्षकों ने लिखा है और इसका फिल्मांकन एनडब्ल्यूडब्ल्यूए के सहयोग से किया गया है।
साथ ही, विद्यालय की वार्षिक पत्रिका ‘एंकर’ के हीरक जयंती संस्करण और विद्यार्थियों द्वारा रचित कहानियों के संग्रह ‘A Fleet of Tales’ का भी विमोचन किया गया।
नौसेना प्रमुख का प्रेरणादायी संबोधन
अपने संबोधन में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने स्कूल की उपलब्धियों की सराहना करते हुए शिक्षकों और छात्रों के समर्पण की प्रशंसा की। उन्होंने अपने सैनिक स्कूल रीवा के दिनों को याद करते हुए आत्म-अनुशासन को जीवन की "अदृश्य महाशक्ति" बताया और युवाओं को इससे जुड़ने की प्रेरणा दी।
नौसेना प्रमुख ने छात्रों को आत्मविश्वास, निस्वार्थ सेवा और निरंतर परिश्रम की भावना के साथ अपने सपनों का पीछा करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज के विद्यार्थी ही 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे।
सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर छात्रों का सम्मान
कार्यक्रम के अंत में कैप्टन महेन्द्र नाथ मुल्ला मेमोरियल अवॉर्ड से वर्ष 2024-25 के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर छात्र – मास्टर मनील कुमार और सुश्री खुशी जांघू को सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार कैप्टन एम.एन. मुल्ला (एमवीसी) के परिवारजनों द्वारा प्रदान किया गया।