ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर चर्चा चल रही है। माना जा रहा है कि यह मुद्दा अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में भी अहम भूमिका निभा सकता है।
ट्रंप का भारत पर निशाना
ट्रंप ने Breitbart News को दिए एक इंटरव्यू में कहा,
"मुझे लगता है कि भारत शायद अपने टैरिफ को काफी हद तक कम करने जा रहा है, लेकिन 2 अप्रैल से हम भी उन पर वही टैरिफ लगाएंगे, जो वे हम पर लगाते हैं।"
ट्रंप ने भारत को "उच्च टैरिफ वाला देश" बताते हुए दावा किया कि भारत अमेरिकी सामानों पर 100 प्रतिशत से अधिक शुल्क वसूलता है, जिससे अमेरिकी व्यवसायों को नुकसान होता है। उन्होंने आगे कहा,
"भारत में कुछ भी बेचना मुश्किल है। वे बहुत स्मार्ट हैं, लेकिन अब कोई उनकी असली सच्चाई सामने ला रहा है।"
ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस घोषणा को 1 अप्रैल को नहीं करना चाहते थे, ताकि इसे अप्रैल फूल डे से न जोड़ा जाए।
व्हाइट हाउस का बयान
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने सोमवार को कहा,
"भारत अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाता है, जिससे हमारे निर्यातकों के लिए प्रतिस्पर्धा करना लगभग असंभव हो जाता है। यह लंबे समय से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है।"
उन्होंने ट्रंप के इस कदम को "अमेरिकी श्रमिकों और उद्योगों के लिए ऐतिहासिक" बताया। व्हाइट हाउस ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका की व्यापार सलाहकार टीम, जिसमें वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक और ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट शामिल हैं, इस नीति को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता
भारत और अमेरिका के बीच 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है।
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों ने पहले चरण के व्यापार समझौते को 2025 के अंत तक अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता जताई थी।
सूत्रों के अनुसार, भारत ने अमेरिका की कुछ मांगों को स्वीकार करने के संकेत दिए हैं। इसमें शामिल हैं:
✅ हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिल
✅ बॉर्बन व्हिस्की
✅ कैलिफोर्निया वाइन
हालांकि, भारत सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
भारत के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा,
"हम अमेरिका के साथ एक पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसमें बाजार पहुंच बढ़ाना और टैरिफ बाधाओं को कम करना शामिल है।"
लेकिन भारतीय अधिकारियों ने ट्रंप के दावों को खारिज करते हुए कहा कि टैरिफ में कटौती का फैसला उनकी व्यापक व्यापार नीति का हिस्सा है, न कि अमेरिकी दबाव का नतीजा।
भारत पर संभावित असर
अगर अमेरिका 2 अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लागू करता है, तो इसका असर भारत के कृषि, फार्मास्युटिकल और रासायनिक निर्यात पर पड़ सकता है।
एमके ग्लोबल की मुख्य अर्थशास्त्री मधवी अरोड़ा के अनुसार:
- 10% टैरिफ से भारत को 6 बिलियन डॉलर का नुकसान होगा।
- 25% टैरिफ से यह नुकसान 31 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।
हालांकि, नोमुरा के अर्थशास्त्रियों सोनल वर्मा और औरोदीप नंदी का मानना है कि भारत ट्रंप के इस कदम का जवाब देने के बजाय सुलह का रास्ता अपनाएगा।
उनका कहना है कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता इस प्रभाव को कम कर सकता है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
ट्रंप के इस फैसले से वैश्विक व्यापार पर असर पड़ सकता है।
- चीन, कनाडा और यूरोपीय संघ पहले ही जवाबी टैरिफ की तैयारी कर रहे हैं।
- पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने इस कदम को "मूर्खतापूर्ण टैरिफ युद्ध" करार दिया और कहा कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "ट्रुथ सोशल" पर लिखा,
"2 अप्रैल अमेरिका के लिए मुक्ति दिवस होगा। हमारी अर्थव्यवस्था को हर देश ने लूटा है, अब यह रुकने वाला है।"
निष्कर्ष
ट्रंप का यह बयान भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।
- अगर भारत टैरिफ में कटौती करता है, तो इससे द्विपक्षीय व्यापार वार्ता को बल मिल सकता है।
- अगर अमेरिका पारस्परिक टैरिफ लागू करता है, तो भारतीय निर्यातकों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
- वैश्विक व्यापार जगत में इस फैसले को "अमेरिकी संरक्षणवाद" के रूप में देखा जा रहा है।
अब सबकी निगाहें 2 अप्रैल पर टिकी हैं, जब ट्रंप की चेतावनी पर भारत की प्रतिक्रिया सामने आएगी।