इसके बाद कृषि मंत्री ने उन्नत कृषि तकनीक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए खेती की दिशा में किए जा रहे नए प्रयोगों और सरकार की योजनाओं की जानकारी दी।
3.7% कृषि विकास दर से भरे अन्न भंडार – शिवराज सिंह चौहान
संगोष्ठी के दौरान श्री चौहान ने कहा,
“एक दौर था जब हमें अमेरिका का पीएल-480 गेहूं खाना पड़ता था। आज हम खुद खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड बना रहे हैं। इस साल 3.7% की कृषि ग्रोथ दर के साथ अन्न के भंडार भर दिए हैं। गेहूं, चावल और मक्का का इतिहास का सबसे बड़ा उत्पादन हुआ है।”
उन्होंने साफ कहा कि भारत अब आत्मनिर्भर है और दुनिया के सामने अपने कृषक हितों को डटकर रख सकता है।
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्पष्ट संदेश है – राष्ट्र हित सर्वोपरि है, किसानों के हितों से समझौता नहीं होगा।"
नकली दवाओं पर सख्त एक्शन – किसानों के साथ नहीं होगा धोखा
कृषि मंत्री ने खुलासा किया कि बाजार में बायोस्टिमुलेन्ट के नाम पर करीब 30,000 नकली या बिना परीक्षण की गई दवाएं बेची जा रही थीं।
उन्होंने कहा:
“अब किसानों को सिर्फ वही खाद-दवाएं मिलेंगी, जो ICAR या कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा प्रमाणित होंगी। जबरन कोई दवा थमाई गई तो एफआईआर होगी, मैं खुद देखूंगा।”
उन्होंने बताया कि 30 हजार में से सिर्फ 682 दवाएं ही असरदार पाई गईं, बाकी को प्रतिबंधित किया जा रहा है।
"अगर किसान की फसल बेअसर दवा से खराब हुई तो कंपनी की लाइसेंस रद्द होगी और किसान को मुआवज़ा मिलेगा।"
प्राकृतिक खेती और लागत में कमी पर ज़ोर
श्री चौहान ने कहा कि खेती को लाभकारी बनाने के लिए दो प्रमुख बातें हैं –
* उत्पादन बढ़ाना
* लागत घटाना
उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों के लिए 6-सूत्रीय रणनीति बनाई है –
* उत्पादन वृद्धि
* लागत में कमी
* उपज का उचित मूल्य
* नुकसान की भरपाई
* कृषि विविधीकरण
* प्राकृतिक खेती को बढ़ावा
"हमारे पूर्वज कहते थे – चार घूंट पर चार फसल बोई लो, यानी विविधता जरूरी है। अब वही परंपरा फिर से लौटानी होगी।"
3 अक्टूबर से फिर किसानों के बीच उतरेंगे वैज्ञानिक
कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार अब किसानों को वैज्ञानिकों से सीधे जोड़ रही है।
“देशभर में 16,000 से अधिक लैब हैं, लेकिन उनका फायदा किसान तक नहीं पहुंच रहा था। अब 2170 वैज्ञानिक टीमें बनाई गई हैं जो किसानों के खेतों तक जाएंगी।”
उन्होंने कहा कि आगामी रबी फसल के लिए 3 अक्टूबर से यह अभियान फिर से शुरू होगा, और वैज्ञानिक किसानों को नई तकनीक व कम लागत की खेती के तरीके बताएंगे।
'स्वदेशी अपनाएं' का संदेश
अपने संबोधन में श्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता से स्वदेशी वस्तुएं अपनाने की अपील भी की।
“खाने-पीने से लेकर पहनने तक की हर चीज़ देश में बनी वस्तु ही खरीदें। विदेशी सामान से पैसा बाहर जाता है, जबकि देशी वस्तु से अपने देश का व्यापार और रोजगार बढ़ता है।”