Tranding
Saturday, May 17, 2025

Pawan Kumar / New Delhi /May 13, 2025

उत्तर भारत, विशेषकर लखनऊ और इसके आसपास के क्षेत्रों में आज से ज्येष्ठ माह के पवित्र मंगलवारों का उत्सव, जिसे बड़े मंगल के नाम से जाना जाता है, शुरू हो गया है। यह पर्व भगवान हनुमान को समर्पित है और इसे विशेष पुण्यदायी माना जाता है। प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु आचार्य अनुज ने इस पर्व के महत्व और परंपराओं के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की है, जिसके आधार पर यह खबर तैयार की गई है। #बड़े_मंगल के पहले दिन लखनऊ के हनुमान मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, और जगह-जगह भंडारों का आयोजन किया गया।

Photo Source : Acharya Anuj
धर्म / बड़े मंगल 2025 का शुभारंभ: लखनऊ में हनुमान भक्ति की लहर, भंडारों और दर्शन के साथ उत्सव शुरू : आचार्य अनुज

बड़े मंगल का महत्व और परंपरा


बड़े मंगल लखनऊ की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का अभिन्न हिस्सा है। ज्येष्ठ माह (मई-जून) में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इन दिनों हनुमान जी की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और संकटों से मुक्ति मिलती है। इस पर्व की शुरुआत की कथा लखनऊ की बेगम से जुड़ी है, जिन्होंने संकट से मुक्ति के लिए हनुमान जी से मन्नत मांगी थी। मन्नत पूरी होने पर उन्होंने भंडारे की परंपरा शुरू की, जो आज एक जन-उत्सव का रूप ले चुकी है।
आचार्य अनुज के अनुसार, बड़े मंगल की विशेषता इसकी समावेशिता है। इस पर्व में हर जाति, धर्म और वर्ग के लोग हिस्सा लेते हैं। भंडारों में भोजन वितरण, हनुमान चालीसा का पाठ, और मंदिरों में भक्ति भजनों का आयोजन इस दिन की प्रमुख गतिविधियां हैं। भक्त लाल वस्त्र, लाल चोला, सिंदूर, लाल फूल, और मोतीचूर के लड्डुओं के साथ हनुमान जी की पूजा करते हैं।

2025 में बड़े मंगल की तिथियां


इस साल ज्येष्ठ माह में बड़े मंगल निम्नलिखित तारीखों पर मनाए जाएंगे:
13 मई 2025 (आज, पहला बड़ा मंगल)

20 मई 2025

27 मई 2025

3 जून 2025

10 जून 2025

इन पांच मंगलवारों को लखनऊ और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में विशेष आयोजन होंगे।

पहले बड़े मंगल का उत्साह


आज, 13 मई 2025 को पहले बड़े मंगल के अवसर पर लखनऊ के प्रमुख हनुमान मंदिरों जैसे अलीगंज हनुमान मंदिर, हनुमान सेतु मंदिर, और नया हनुमान मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। मंदिरों को लाल फूलों, झंडियों, और रंग-बिरंगे कपड़ों से सजाया गया था। भक्तों ने हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ किया, जबकि कई स्थानों पर भक्ति भजनों की स्वर लहरियां गूंजीं।
शहर के विभिन्न हिस्सों में सैकड़ों भंडारों का आयोजन किया गया, जहां हजारों लोगों को प्रसाद के रूप में पूड़ी, सब्जी, हलवा, और खीर वितरित की गई। सामाजिक संगठनों, व्यापारियों, और स्थानीय निवासियों ने इन भंडारों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अलीगंज के एक भंडारे में आयोजक रमेश चंद्र ने बताया, “यह हमारी परंपरा है। बड़े मंगल पर भंडारा लगाकर हनुमान जी की कृपा और समाज सेवा का पुण्य प्राप्त होता है।”

धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक


बड़े मंगल केवल धार्मिक उत्सव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। लखनऊ के भंडारों में हिंदू, मुस्लिम, सिख, और अन्य समुदायों के लोग एक साथ भोजन ग्रहण करते हैं। आचार्य अनुज ने इस परंपरा की सराहना करते हुए कहा, “बड़े मंगल का उत्सव हमें एकता, सेवा, और भक्ति का संदेश देता है। हनुमान जी की कृपा सभी पर बरसती है, चाहे वह किसी भी धर्म या समुदाय से हो।”

भक्तों की आस्था और अनुभव


लखनऊ की रहने वाली शालिनी मिश्रा, जो हर साल बड़े मंगल पर अलीगंज मंदिर में दर्शन के लिए आती हैं, ने कहा, “हनुमान जी की पूजा से मन को शांति मिलती है। भंडारे में सेवा करना और प्रसाद ग्रहण करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।” वहीं, एक अन्य भक्त मोहम्मद अहमद ने बताया, “मैं हर साल भंडारे में हिस्सा लेता हूं। यह पर्व हमें एक-दूसरे के करीब लाता है।”

प्रशासन की तैयारियां


लखनऊ प्रशासन ने बड़े मंगल के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। मंदिरों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है, और ट्रैफिक पुलिस ने भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष योजनाएं लागू की हैं। नगर निगम ने भंडारों के लिए स्वच्छता और कचरा प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित की है। लखनऊ के जिलाधिकारी ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि भक्तों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। सभी मंदिरों और भंडारा स्थलों पर पर्याप्त व्यवस्था की गई है।”

हनुमान जी की पूजा के विशेष नियम


आचार्य अनुज ने भक्तों को बड़े मंगल पर पूजा के कुछ विशेष नियम बताए:
स्वच्छता: पूजा से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।

लाल रंग का महत्व: हनुमान जी को लाल चोला, लाल फूल, और सिंदूर अर्पित करें।

प्रसाद: मोतीचूर के लड्डू और बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं।

मंत्र जाप: हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, और “ॐ हं हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें।

सेवा: भंडारे में भोजन वितरण या दान करें, क्योंकि हनुमान जी को सेवा प्रिय है।

भविष्य में बड़े मंगल


आचार्य अनुज ने बताया कि बड़े मंगल की परंपरा को और व्यापक करने के लिए कई संगठन डिजिटल और सामुदायिक पहल शुरू कर रहे हैं। अगले मंगलवार, 20 मई 2025 को और बड़े स्तर पर भंडारों और धार्मिक आयोजनों की योजना है। लखनऊ के अलावा कानपुर, प्रयागराज, और वाराणसी जैसे शहरों में भी बड़े मंगल का उत्साह बढ़ रहा है।

भक्तों के लिए संदेश


आचार्य अनुज ने भक्तों से अपील की कि वे बड़े मंगल को केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित न रखें, बल्कि इसे सेवा और समर्पण का अवसर बनाएं। उन्होंने कहा, “हनुमान जी बल, बुद्धि, और भक्ति के प्रतीक हैं। उनकी पूजा से हमें न केवल आध्यात्मिक शक्ति मिलती है, बल्कि समाज सेवा का मार्ग भी प्रशस्त होता है।”
लखनऊ और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में बड़े मंगल का यह उत्सव अगले चार मंगलवारों तक जारी रहेगा। भक्ति, सेवा, और सकारात्मकता से भरा यह पर्व एक बार फिर सामाजिक एकता और आस्था का संदेश दे रहा है। जय बजरंगबली!

Subscribe

Tranding

24 JobraaTimes

भारतीय लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को बनाये रखने व लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए सवंत्रता, समानता, बन्धुत्व व न्याय की निष्पक्ष पत्रकारिता l

Subscribe to Stay Connected

2023 © 24 JOBRAA - TIMES MEDIA & COMMUNICATION PVT. LTD. All Rights Reserved.