इस तप-क्रम की शुरुआत 23 मई 2025 को एक भव्य और पवित्र कलश यात्रा के साथ हुई थी, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। 24 मई से 3 जून 2025 तक प्रतिदिन दोपहर 12:45 बजे से 2:45 बजे तक यह तपस्या उचाना खुर्द स्थित आईटीआई के पीछे, अखाड़ा परिसर में चल रही है। इस अनुष्ठान में महंत साध्वी शालिनी नन्द जी महाराज की अगुवाई में साधक और श्रद्धालु एकत्रित होकर धर्म और तप के इस अनूठे संगम का साक्षी बन रहे हैं।
तपस्या का उद्देश्य और महत्व
महंत साध्वी शालिनी नन्द जी महाराज की - ‘सात धूणा तपस्या’ का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत साधना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए भी समर्पित है। यह तपस्या मानवता के कल्याण, विश्व शांति और आत्मिक जागरूकता को बढ़ावा देने का एक अनुपम प्रयास है। इस आयोजन में शामिल होने वाले श्रद्धालु न केवल संतों के पावन आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि धर्म और तप के प्रति अपनी आस्था को और सुदृढ़ कर रहे हैं।
ग्रामवासियों का सहयोग और अपील
उचाना खुर्द के संपूर्ण ग्रामवासियों ने इस आयोजन में अपनी सक्रिय सहभागिता देकर इसे और भी भव्य बना दिया है। ग्रामवासियों ने सभी धर्मप्रेमियों से अपील की है कि वे इस पवित्र आयोजन में शामिल होकर पुण्य के भागी बनें और महंत साध्वी शालिनी नन्द जी महाराज के आशीर्वाद से अपने जीवन को कृतार्थ करें।
आयोजन स्थल और समय
स्थान: आईटीआई के पीछे, अखाड़ा परिसर, उचाना खुर्द
समय: प्रतिदिन दोपहर 12:45 बजे से 2:45 बजे तक
तिथि: 24 मई 2025 से 3 जून 2025 तक
महंत साध्वी शालिनी नन्द जी महाराज - यह तपस्या न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक एकता और आध्यात्मिक जागरूकता का संदेश भी दे रही है। सभी धर्मप्रेमियों से अनुरोध है कि वे इस पावन अवसर का लाभ उठाएँ और इस तप-यज्ञ में अपनी सहभागिता दर्ज कराएँ।