भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव 2025 में चरम पर है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए, और 7-8 मई 2025 को पाकिस्तान द्वारा भारतीय हवाई क्षेत्र में ड्रोन हमलों ने स्थिति को गंभीर बना दिया। इन घटनाओं के जवाब में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2025 को नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल थे। यह बैठक भारत की रक्षा तैयारियों और कूटनीतिक रणनीति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
बैठक का पृष्ठभूमि और संदर्भ
9 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में अपने निवास पर एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की। प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के अनुसार, इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
बैठक का आयोजन भारत-पाकिस्तान तनाव 2025 के संदर्भ में किया गया। एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, 7-8 मई 2025 की रात को पाकिस्तान ने भारतीय हवाई क्षेत्र में ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिन्हें भारतीय रक्षा बलों ने एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की मदद से नाकाम कर दिया। पाकिस्तानी सेना ने पश्चिमी सीमा पर 300-400 ड्रोन तैनात किए, जिनमें तुर्की निर्मित असिसगार्ड सोंगार ड्रोन शामिल थे, जिनका उद्देश्य भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला और खुफिया जानकारी एकत्र करना था।
यह तनाव 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए। भारत ने इस हमले का आरोप पाकिस्तान पर लगाया और जवाब में कड़े कदम उठाए, जिनमें सिंधु जल संधि का निलंबन और अटारी सीमा क्रॉसिंग को बंद करना शामिल था।
बैठक का उद्देश्य और PMO का बयान
प्रधानमंत्री कार्यालय PMO ने एक्स पर पोस्ट किया: “प्रधानमंत्री @narendramodi ने एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें रक्षा मंत्री @rajnathsingh, एनएसए अजित डोवल, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, सशस्त्र बलों के प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।” बैठक का उद्देश्य भारत की रक्षा तैयारियों की समीक्षा और पाकिस्तान के हालिया आक्रामक कार्यों के जवाब में रणनीति तैयार करना था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उसी दिन पहले सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी। यह समीक्षा पाकिस्तानी हमलों को नाकाम करने के बाद भारतीय रक्षा बलों की तत्परता का आकलन करने के लिए थी। रक्षा सचिव आरके सिंह की मौजूदगी से नीतिगत और परिचालन दोनों पहलुओं पर चर्चा का संकेत मिलता है।
पहलगाम हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने 29 अप्रैल 2025 को एक अन्य बैठक में सशस्त्र बलों को “पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता” देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा, “आतंकवाद को कुचलने का यह हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।”
भारत ने कई कदम उठाए, जिनमें:
- सिंधु जल संधि को निलंबित करना, जो पाकिस्तान की कृषि के लिए महत्वपूर्ण है।
- अटारी सीमा क्रॉसिंग को बंद करना और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना।
- आईएमएफ और एडीबी से पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की समीक्षा की मांग।
भारत ने वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश की, जिससे पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ा।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बढ़ता दबाव
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही संकट में है। 2024 में पाकिस्तान जीडीपी वृद्धि 2.5% थी, और 2025 में इसके 3% तक पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन भारत के व्यापार प्रतिबंध और सिंधु जल संधि के निलंबन ने पाकिस्तानी शेयर बाजार और पाकिस्तानी रुपये को प्रभावित किया है। मूडीज रेटिंग्स ने चेतावनी दी है कि लंबे समय तक तनाव पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता को खतरे में डाल सकता है।
9 मई 2025 को आईएमएफ की बैठक में 7 अरब डॉलर बेलआउट पैकेज की अगली किस्त पर चर्चा होनी है। भारत ने संकेत दिया है कि वह इस सहायता पर सवाल उठाएगा, जिससे पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियां बढ़ सकती हैं।
विशेषज्ञों की राय और क्षेत्रीय प्रभाव
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की रणनीति अब पहले से अधिक आक्रामक है। विश्लेषकों ने कहा, “भारत की सैन्य और कूटनीतिक प्रतिक्रिया का उद्देश्य पाकिस्तान पर अधिकतम दबाव बनाना है।” इस्लामाबाद के एक अर्थशास्त्री ने “पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस तनाव को लंबे समय तक झेलने में सक्षम नहीं है।”
विश्लेषकों ने चेतावनी दी कि इस तनाव से दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता प्रभावित हो सकती है, और दोनों देशों को दीर्घकालिक आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष: भारत की मजबूत रणनीति, पाकिस्तान की चुनौतियां
9 मई 2025 की प्रधानमंत्री मोदी की बैठक ने भारत की रक्षा और कूटनीतिक रणनीति को और मजबूत किया है। प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) और अन्य स्रोतों के अनुसार, भारत ने आतंकवाद और सीमा उल्लंघनों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। दूसरी ओर, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था आईएमएफ बेलआउट, व्यापार प्रतिबंध और सैन्य खर्च के दबाव में है। यदि तनाव बढ़ता है, तो पाकिस्तान को गंभीर आर्थिक और सामरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जबकि भारत अपनी मजबूत स्थिति का लाभ उठा रहा है।