दोनों शैक्षणिक वर्षों में कुल 29 राज्य/केंद्रीय बोर्डों एवं परिषदों को ध्यान में रखते हुए, कक्षा 10वीं के 565 छात्रों और कक्षा 12वीं के 925 छात्रों को पुरस्कार से नवाजा गया। इनमें से 117 छात्र टॉपर्स के रूप में सम्मानित किए गए।
इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने पहुंचे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री तथा डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र कुमार ने समारोह को संबोधित करते हुए भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के शिक्षा एवं सामाजिक न्याय में योगदान को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि सरकार अनुसूचित जातियों, जनजातियों एवं अन्य वंचित वर्गों के सशक्तीकरण के लिए कटिबद्ध है।
केंद्रीय मंत्री श्री रामदास अठावले और राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए उन्हें बाबासाहेब के आदर्शों - समानता, बंधुत्व और सामाजिक न्याय - को जीवन में उतारने की प्रेरणा दी। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच को सभी के लिए सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार की पहलों पर बल दिया।
पुरस्कार स्वरूप एकमुश्त नकद राशि प्रदान की गई, जिसमें:
* प्रथम स्थान पर आने वाले छात्रों को ₹60,000
* द्वितीय स्थान के लिए ₹50,000
* तृतीय स्थान के लिए ₹40,000 दिए गए।
इसके अतिरिक्त, यदि शीर्ष तीन में कोई छात्रा सम्मिलित नहीं थी, तो सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली छात्रा को विशेष पुरस्कार के रूप में ₹60,000 की राशि प्रदान की गई।
कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव श्री अमित यादव, डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन के सदस्य सचिव श्री वी. अप्पाराव, निदेशक श्री मनोज तिवारी सहित मंत्रालय व फाउंडेशन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। श्री तिवारी ने सभी विजेताओं, उनके परिजनों और शिक्षकों को बधाई देते हुए कार्यक्रम के समापन पर धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस भव्य समारोह में देशभर से आए छात्र, उनके अभिभावक, शिक्षक, शिक्षाविद् और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। मंत्रालय ने पुनः आश्वस्त किया कि समावेशी और समतामूलक समाज के निर्माण हेतु इस प्रकार की पहलों को आगे भी जारी रखा जाएगा।
कार्यक्रम का समापन बाबासाहेब के प्रेरणादायी संदेश – "शिक्षित बनो, आंदोलन करो, संगठित हो" – की गूंज के साथ हुआ, जिसने समारोह को एकता, समानता और उत्कृष्टता की दिशा में एक नई ऊर्जा प्रदान की।