यह संगोष्ठी फरीदाबाद प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस के तत्वावधान में आयोजित की गई, जिसमें लगभग 40 प्रतिष्ठानों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ईएसआईसी हरियाणा के क्षेत्रीय निदेशक श्री सुगन लाल मीणा ने की।
क्या कहा गया संगोष्ठी में?
कार्यक्रम में वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि ईएसआई अधिनियम, 1948 के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक प्रतिष्ठान — जिनमें 10 या अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं — उन्हें अनिवार्य रूप से ईएसआईसी में पंजीकरण कराना होता है। पंजीकरण की समयसीमा भी तय है — 10 कर्मचारियों की संख्या पूरी होने के 15 दिन के भीतर पंजीकरण जरूरी है।
ईएसआईसी पंजीकरण न केवल श्रम कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करता है, बल्कि इससे नियोक्ताओं को कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 और मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के तहत संभावित वित्तीय देनदारियों से भी राहत मिलती है।
‘एसपीआरईई 2025’ योजना क्या है?
संगोष्ठी में ‘एसपीआरईई 2025’ योजना पर विशेष रूप से ज़ोर दिया गया। यह योजना सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की पहल है, जिसका उद्देश्य स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देना और अब तक अपंजीकृत प्रतिष्ठानों को ईएसआई योजना से जोड़ना है।
एसपीआरईई 2025 के प्रमुख लाभ:
_पिछली अवधि के अंशदान या पेनल्टी की कोई मांग नहीं की जाएगी।
_कोई पूर्वव्यापी निरीक्षण या कानूनी कार्रवाई नहीं होगी।
_पंजीकरण की तिथि से ही योजना लागू मानी जाएगी।
_योजना 31 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगी।
कर्मचारियों को मिलेंगे ये लाभ:
पंजीकृत कर्मचारियों को चिकित्सा देखभाल, बीमारी और मातृत्व लाभ, विकलांगता पेंशन, आश्रितों को पेंशन, अंतिम संस्कार व्यय, कौशल विकास और बेरोजगारी भत्ता सहित अनेक सामाजिक सुरक्षा सुविधाएं मिलेंगी।
संपर्क के लिए हेल्पलाइन:
ईएसआईसी से पंजीकरण संबंधित सहायता के लिए प्रतिष्ठान मालिक 0129-2222980 या 0129-2222981 पर संपर्क कर सकते हैं।
प्रमुख उपस्थित लोग:
इस अवसर पर श्री टी.एस. दलाल (मुख्य संरक्षक), श्री नरेंद्र परमार (अध्यक्ष), श्री राजदीप सिंह (महासचिव), श्री भारत भूषण (कोषाध्यक्ष) समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति — श्री नारायण डागर, श्री साकेत भाटिया, श्री राकेश बंसल, श्री अनुभव माहेश्वरी, श्री तुलसी, श्री विनय गोयल, श्री विनोद, श्री मोहन और श्री भगवान सिंह — भी मौजूद रहे।