करीब 1700 किलोमीटर की यह यात्रा आठ दिनों में आगरा, लखनऊ, वाराणसी और कानपुर होते हुए पूरी होगी। कार रैली में 34 प्रतिभागी शामिल हैं, जिनमें नौसेना के सेवारत अधिकारी और नौसेना कल्याण एवं आरोग्य संघ (NWWA) की सदस्याएं भी शामिल हैं।
इस पहल का उद्देश्य उत्तर भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश के हृदय क्षेत्र से जुड़ाव को और गहरा करना है — जो न केवल रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी देश की आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है।
रैली के पांच प्रमुख उद्देश्य:
1.
नौसेना के दिग्गजों और वीरांगनाओं से जुड़ाव: भारतीय नौसेना अपने पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के साथ-साथ उनके सतत समर्थन के लिए प्रतिबद्ध है।
2.
सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन: यात्रा मार्ग में गैर-सरकारी संगठनों से संपर्क कर उनके कार्यों में सहयोग देना, नौसेना की समाज के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाता है।
3.
युवाओं में जागरूकता और प्रेरणा: रैली के दौरान छात्रों व युवाओं से संवाद कर उन्हें नौसेना और देशभक्ति के प्रति प्रेरित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
4.
‘कौशल भारत’ में NWWA का योगदान: एनडब्ल्यूडब्ल्यूए द्वारा स्थानीय कारीगरों के साथ एकजुट होकर कौशल विकास को बढ़ावा देने की दिशा में सक्रिय भागीदारी की जाएगी।
5.
भारत की सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान: रैली के दौरान प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों का दौरा कर देश की समृद्ध परंपरा और विरासत को नमन किया जाएगा।
नौसेना की पहुंच अब तटरेखा से परे
इस कार रैली के माध्यम से भारतीय नौसेना ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि उसकी पहुंच केवल समुद्री सीमाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह देश के प्रत्येक नागरिक से, चाहे वह कहीं भी हो, सीधे संवाद और सहयोग की आकांक्षा रखती है।
भारत के हृदयस्थल तक पहुंच बनाकर नौसेना ने खुद को न केवल एक सैन्य बल, बल्कि राष्ट्रीय एकता, परंपरा और जनसंपर्क का मजबूत स्तंभ साबित किया है।