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Wednesday, July 2, 2025

Charu Aghi / Dehradun /May 15, 2025

72वें मिस वर्ल्ड फेस्टिवल की आध्यात्मिक यात्रा ने एक भावनात्मक और सांस्कृतिक ऊँचाई तब छू ली जब अंतरराष्ट्रीय सुंदरियों ने तेलंगाना के पवित्र नरसिंह स्वामी मंदिर की यात्रा के दौरान भारतीय परंपराओं का आदरपूर्वक पालन किया।

Photo Source : Miss World
फैशन / तेलंगाना में मिस वर्ल्ड प्रतिभागियों की आध्यात्मिक अनुभूति: नरसिंह स्वामी मंदिर में निभाई पवित्र परंपराएं

पवित्रता और श्रद्धा का प्रतीक: चरण प्रक्षालन की परंपरा:

मंदिर परिसर में प्रवेश से पूर्व, सभी प्रतिभागियों ने परंपरागत चरण प्रक्षालन (Feet Washing Ceremony) में भाग लिया। यह प्राचीन भारतीय अनुष्ठान शारीरिक और आत्मिक शुद्धिकरण का प्रतीक है — जो कि किसी भी पवित्र स्थल में प्रवेश से पहले आदर और विनम्रता को दर्शाता है।

यह क्षण केवल एक रस्म नहीं था, बल्कि भारतीय अध्यात्म की गहराई को समझने और महसूस करने का माध्यम बन गया।

नरसिंह स्वामी मंदिर की दिव्यता में डूबीं प्रतिभागी:

मंदिर की भव्यता और आसपास के शांत वातावरण ने प्रतिनिधियों को तेलंगाना की गहराई से जुड़ी आध्यात्मिक विरासत से जोड़ दिया। वे न केवल मंदिर की वास्तुकला और सांस्कृतिक महत्त्व से प्रभावित हुईं, बल्कि उस आंतरिक शांति को भी महसूस किया, जिसे यह भूमि सदियों से संजोए हुए है।

अध्यात्म और संस्कृति का संगम:

यह यात्रा सिर्फ पर्यटन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जुड़ाव और मानवता के मूल्यों की पुनः खोज थी। मिस वर्ल्ड की यह पहल, “ब्यूटी विद ए पर्पज़ (Beauty With A Purpose)”,

इस बात का सशक्त उदाहरण है कि सौंदर्य केवल बाहरी नहीं, बल्कि आंतरिक चेतना और संवेदनशीलता का भी नाम है।

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