तकनीकी नवाचार और भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "आर्यभट्ट के शून्य से लेकर नालंदा और तक्षशिला तक, भारत की ज्ञान परंपरा दुनिया के लिए प्रेरणा रही है। आज हमें उसी आत्मा के साथ तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व स्थापित करना है।"
AI, 6G और क्वांटम टेक्नोलॉजी: भारत की अगली छलांग
अपने संबोधन में मंत्री ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), 6G, और क्वांटम टेक्नोलॉजी को अगली सदी के लिए भारत की रणनीतिक दिशा बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह पिछली चार दशकों में IT ने दुनिया को बदला, आने वाले वर्षों में AI वही भूमिका निभाएगा — लेकिन ज़िम्मेदार AI के रूप में।
उन्होंने बताया कि दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष (TTDF) के ज़रिए सरकार अब तक 120 से अधिक उन्नत प्रौद्योगिकी परियोजनाओं में निवेश कर चुकी है। इन परियोजनाओं में क्वांटम कंप्यूटिंग, टेराहर्ट्ज़ कम्युनिकेशन, बायो-नैनो सिस्टम, स्वदेशी चिपसेट और एन्क्रिप्टेड राउटर जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
2030 तक वैश्विक पेटेंट में 10% योगदान का लक्ष्य
श्री सिंधिया ने कहा, "भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक विश्व के कुल पेटेंट्स में भारत का 10 प्रतिशत हिस्सा हो – और यह लक्ष्य हमारे विद्यार्थियों के बिना अधूरा है।"
'ब्रेन ड्रेन' से 'ब्रेन गेन' की ओर
विदेश में अध्ययन करने की सोच रखने वाले छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रयोगशालाओं से ज्ञान लेकर भारत लौटें और देश को दोबारा ‘सोने की चिड़िया’ बनाएं। उन्होंने कहा, "ब्रेन ड्रेन को अब ब्रेन गेन में बदलने का समय है।"
‘वैल्यूज आधारित टेक्नोलॉजी’ की अपील
तकनीक और नवाचार की दौड़ में भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को न भूलने की सलाह देते हुए मंत्री ने कहा, "हम वो देश हैं जो वसुधैव कुटुम्बकम की भावना में विश्वास करता है। हमारी तकनीक का लाभ हर नागरिक तक पहुँचना चाहिए – फिर चाहे वह डिजिटल कक्षा का छात्र हो, टेलीहेल्थ पर निर्भर रोगी या स्मार्ट फार्मिंग की राह देखता किसान।"
युवाओं को दिए तीन मंत्र
कार्यक्रम के अंत में श्री सिंधिया ने युवाओं को ‘BRB’ के तीन मंत्र दिए:
* Be Brave – साहसी बनो
* Stay Rooted – अपनी जड़ों से जुड़े रहो
* Build for Bharat – भारत के लिए निर्माण करो
उन्होंने कहा, "अगले 100 वर्षों का अवसर भारत में है। यह समय एशिया और भारत की आवाज़ को वैश्विक पटल पर रोशन करने का है।"
उनके प्रेरणादायक भाषण पर पूरा सभागार तालियों की गूंज से भर उठा।