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Monday, October 13, 2025

24JT News Desk / Udaipur /September 2, 2025

भारत की डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (Digital Public Infrastructure) को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले अकाउंट एग्रीगेटर (AA) फ्रेमवर्क के शुभारंभ को आज चार वर्ष पूरे हो गए हैं। 2 सितम्बर, 2021 को लॉन्च किया गया यह फ्रेमवर्क आज भारत में सुरक्षित, सहमति-आधारित वित्तीय डेटा साझाकरण का मजबूत आधार बन चुका है।

"अकाउंट एग्रीगेटर इकोसिस्टम ने पूरे किए चार साल, 2.2 अरब वित्तीय खाते हुए डेटा साझाकरण के लिए सक्षम" | Photo Source : PIB
देश / अकाउंट एग्रीगेटर इकोसिस्टम ने पूरे किए चार साल, 2.2 अरब वित्तीय खाते हुए डेटा साझाकरण के लिए सक्षम

वित्तीय समावेशन को मिली नई गति


ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 2.2 अरब से अधिक वित्तीय खाते अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क के अंतर्गत डेटा साझा करने के लिए सक्षम हो चुके हैं। इनमें से 112.34 मिलियन उपयोगकर्ताओं ने अपने खातों को इस व्यवस्था से जोड़ भी लिया है, जो इस प्रणाली में लोगों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है।

वित्तीय संस्थानों की बढ़ती भागीदारी


इस इकोसिस्टम में अब तक 112 वित्तीय संस्थान ऐसे हैं जो वित्तीय सूचना प्रदाता (FIP) और वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता (FIU) दोनों की भूमिका निभा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, 56 संस्थान केवल FIP के रूप में और 410 संस्थान FIU के रूप में सक्रिय हैं।

क्या है अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क?


यह फ्रेमवर्क उपयोगकर्ताओं को यह सुविधा देता है कि वे अपने विभिन्न बैंक खाते, निवेश, ऋण और बीमा संबंधी जानकारी को एक ही स्थान पर देख सकें और ज़रूरत पड़ने पर किसी ऋणदाता या वित्तीय सलाहकार के साथ सुरक्षित व अनुमति-आधारित तरीके से साझा कर सकें। इस प्रक्रिया में अकाउंट एग्रीगेटर एक मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं, जो एन्क्रिप्टेड डेटा ट्रांसफर के माध्यम से गोपनीयता और नियंत्रण सुनिश्चित करते हैं।

G20 में भारत की भूमिका और वैश्विक मान्यता


वर्ष 2023 में भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान, अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क को डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में मान्यता मिली। इसे पहचान (आधार) और भुगतान (UPI) के साथ मिलकर एक मजबूत DPI त्रयी के रूप में देखा जा रहा है। G20 की रिपोर्ट "डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पर भारत के कार्य बल की रिपोर्ट" (जुलाई 2024) में इस फ्रेमवर्क की भूमिका और प्रभाव को विस्तार से रेखांकित किया गया है।

MSME और व्यक्तिगत ऋण क्षेत्र को मिलेगा लाभ


विशेषज्ञों का मानना है कि यह इकोसिस्टम MSME सेक्टर और व्यक्तिगत ऋण की पहुंच को विस्तार देने में अहम भूमिका निभा सकता है। इससे छोटे व्यापारियों, स्टार्टअप्स और नए निवेशकों को संस्थागत ऋण की प्राप्ति सुगम होगी, जो विकसित भारत @2047 के विज़न को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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