विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम निदेशक प्रो. शूरवीरसिंह भाणावत ने जानकारी दी कि यह पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है, जो पूरी तरह से कौशल आधारित और रोजगारोन्मुख है। कोर्स में 60% भाग प्रायोगिक (प्रैक्टिकल) है, जिसके लिए किसी पाठ्यपुस्तक की आवश्यकता नहीं होती। विद्यार्थियों को समूची ट्रेनिंग कंप्यूटर आधारित लेखांकन सॉफ्टवेयर के माध्यम से दी जाती है, और परीक्षा भी ऑनलाइन मोड में ही आयोजित होती है।
प्रो. भाणावत के अनुसार, इस पाठ्यक्रम में प्रैक्टिकल बिज़नेस अकाउंटिंग, प्रैक्टिकल जीएसटी, प्रैक्टिकल इनकम टैक्स, प्रैक्टिकल ऑडिटिंग, फाइनेंशियल मैनेजमेंट, और माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल जैसे विषयों को कंप्यूटर लैब में पढ़ाया जाता है।
कार्यक्रम की कोर्स कन्वीनर डॉ. आशा शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों को अंतिम (चतुर्थ) सेमेस्टर में विभिन्न प्रतिष्ठित फर्मों व इंडस्ट्रीज में इंटर्नशिप के लिए भेजा जाता है, जिससे वे अपने सीखे हुए ज्ञान का व्यावहारिक प्रयोग कर अनुभव अर्जित कर सकें। विश्वविद्यालय में कैंपस प्लेसमेंट की व्यवस्था भी की जाती है।
गत वर्ष अमेरिका स्थित अकाउंटिंग व टैक्स सर्विस की प्रतिष्ठित फर्म "इंटीग्रिटी" तथा कुछ स्थानीय कंपनियों ने विद्यार्थियों को ₹1.5 लाख से ₹4 लाख के पैकेज पर चयनित किया था।
छात्रों के समग्र विकास हेतु ट्रेनिंग एवं डेवलपमेंट प्रोग्राम, एक्सटेंशन लेक्चर, आदि का भी नियमित आयोजन किया जाता है। 'अर्न विद लर्न' की अवधारणा पर आधारित यह कोर्स विद्यार्थियों को पहले ही सेमेस्टर के बाद आय अर्जित करने में सक्षम बनाता है।
यह कोर्स विशेष रूप से उन छात्रों के लिए उपयोगी है, जो उदयपुर में अकाउंटिंग, ऑडिटिंग और टैक्सेशन के क्षेत्र में फ्रीलांसर के रूप में भी करियर बनाना चाहते हैं।