इस दो सप्ताह के इंटर्नशिप कार्यक्रम का उद्घाटन 22 अगस्त, 2025 को आयोग के महासचिव श्री भरत लाल द्वारा किया गया था। कार्यक्रम के समापन अवसर पर आयोग की सदस्य श्रीमती विजया भारती सयानी ने मुख्य अतिथि के रूप में छात्रों को संबोधित किया और सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के लिए बधाई दी।
श्रीमती सयानी ने अपने संबोधन में कहा कि, "मानव अधिकारों की रक्षा सिर्फ संस्थाओं का काम नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। युवाओं को जागरूक रहकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और एक समतावादी समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।" उन्होंने महिला अधिकार, बाल संरक्षण, मानसिक स्वास्थ्य, हिरासत में न्याय और हाशिए के समुदायों के सशक्तिकरण में आयोग की भूमिका को रेखांकित किया।
सत्र के दौरान मनोविज्ञान, फॉरेंसिक विज्ञान, व्यवसाय और मानवाधिकार जैसे विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान आयोजित किए गए, जिनकी प्रतिभागियों ने सराहना की। श्रीमती सयानी ने प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे इस ज्ञान का उपयोग सामाजिक कल्याण के लिए करें और जीवन के हर क्षेत्र में संविधान के मूल्यों को अपनाएं।
इंटर्नशिप के समापन पर आयोग की संयुक्त सचिव श्रीमती सैदिंगपुई छकछुआक ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि छात्रों को दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल, पुलिस स्टेशन और ‘आशा किरण’ आश्रय गृह का आभासी दौरा कराया गया, जिससे वे जमीनी स्तर पर मानव अधिकारों की स्थिति और चुनौतियों से अवगत हो सकें।
कार्यक्रम के दौरान पुस्तक समीक्षा, समूह परियोजना प्रस्तुतियाँ और भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिनके विजेताओं की घोषणा समापन समारोह में की गई। इस अवसर पर आयोग के संयुक्त सचिव श्री समीर कुमार एवं निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह भी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि एनएचआरसी का यह इंटर्नशिप कार्यक्रम छात्रों को अंतरराष्ट्रीय कानून, भारत में मानव अधिकारों की वर्तमान स्थिति और व्यावहारिक समाधान के बारे में सशक्त जानकारी प्रदान करता है। इस तरह के प्रयासों से नई पीढ़ी को न केवल शिक्षित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें मानवाधिकारों के प्रहरी के रूप में तैयार भी किया जा रहा है।