"राज्य-विशिष्ट ढांचे और एसओपी के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध" – श्री प्रतापराव जाधव
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री जाधव ने कहा कि "स्वास्थ्य सेवा को अधिक समावेशी और प्रभावी बनाने के लिए राज्य-स्तरीय ढांचों और व्यापक मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) की आवश्यकता है, और केंद्र सरकार इस दिशा में पूरी तरह प्रतिबद्ध है।"
उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य न सिर्फ आयुष और आधुनिक चिकित्सा का समेकन करना है, बल्कि गुणवत्तापूर्ण सेवाएं हर नागरिक तक पहुंचाना भी प्राथमिकता में शामिल है।
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों से नई दिशा
श्री जाधव ने राष्ट्रीय आयुष मिशन की 2014 से अब तक की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि देशभर में 12,500 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना के ज़रिए न सिर्फ ओपीडी सेवाएं, बल्कि निवारक और प्रोत्साहनात्मक स्वास्थ्य सेवा मॉडल को भी मजबूती मिली है।
'आयुर्वेद दिवस' अब 23 सितंबर को
एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए मंत्री ने बताया कि 'आयुर्वेद दिवस' अब हर साल 23 सितंबर को मनाया जाएगा। इस वर्ष की थीम होगी – "लोगों और ग्रह के लिए आयुर्वेद", जो आयुर्वेद की पारिस्थितिक और व्यक्तिगत स्वास्थ्य में भूमिका को उजागर करती है।
उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस दिवस को वैश्विक स्वास्थ्य अभियान के रूप में मनाने की अपील की।
AIIA में 'आयुर्विद्या उन्नत केंद्र' और बीमा के लिए PMU लॉन्च
श्री जाधव ने इस मौके पर 'आयुर्विद्या उन्नत केंद्र' का उद्घाटन भी किया, जो आयुर्वेद शिक्षा को डिजिटल और जन-उन्मुख बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके अलावा, आयुष बीमा कवर से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए AIIA में एक परियोजना प्रबंधन इकाई (PMU) की स्थापना भी की गई है।
डॉ. वी.के. पॉल: “स्वस्थ भारत ही विकसित भारत की नींव”
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने कहा कि यदि हमें विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को हासिल करना है, तो स्वस्थ, उत्पादक और दीर्घायु जनसंख्या अनिवार्य है। उन्होंने 71 वर्ष की औसत जीवन प्रत्याशा को 85 वर्ष तक ले जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा, "स्वास्थ्य सिर्फ विकास का ज़रिया नहीं, बल्कि उसकी उपलब्धि भी है।" साथ ही, उन्होंने केंद्र की बीमारियों के उन्मूलन की योजनाओं का जिक्र करते हुए आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा का संयुक्त दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया।
वैद्य कोटेचा: “हर घर आयुर्वेद, हर घर योग जरूरी”
आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने अपने वक्तव्य में कहा कि अब समय है कि 'हर घर आयुर्वेद' और 'हर घर आयुर्योग' जैसे अभियानों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। उन्होंने सम्मेलन के छह उप-विषयों के माध्यम से व्यवहार परिवर्तन और नीति क्रियान्वयन को प्राथमिकता देने की बात कही।
राज्यों से मिला फीडबैक होगा नीति का आधार
यह दो दिवसीय शिखर सम्मेलन, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों और हितधारकों के साथ राज्य-विशिष्ट और जमीनी स्तर के इनपुट्स पर आधारित रहा। इसमें आए फीडबैक को राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM) को और अधिक प्रभावशाली बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा।
सम्मेलन का उद्देश्य है आयुर्वेद, योग, सिद्ध, यूनानी, होम्योपैथी और सोवा-रिग्पा जैसी चिकित्सा पद्धतियों का सामूहिक और रणनीतिक समावेश कर समग्र स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण।