चैत्र नवरात्र और हिंदू नववर्ष की शुभकामनाएं:
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत चैत्र नवरात्र और हिंदू नववर्ष (विक्रम संवत 2082) की शुभकामनाएं देकर की। उन्होंने कहा, "आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आज से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है और इसी दिन से भारतीय नववर्ष का भी आगाज हुआ है। मैं देशवासियों को गुड़ी पड़वा, उगादि, संवत्सर पड़वा और नवरेह जैसे पर्वों की हार्दिक बधाई देता हूं।" उन्होंने देश की सांस्कृतिक विविधता में एकता की मिसाल पेश करते हुए कन्नड़ में 'सर्वारिगु उगादि हब्बाडा शुभाशयगालु' और तेलुगु में 'अंडारिकी उगादि शुभाकांक्षलु' कहकर क्षेत्रीय भाषाओं में भी शुभकामनाएं दीं।
रामनवमी का उल्लेख:
प्रधानमंत्री ने आगामी रामनवमी का जिक्र करते हुए कहा कि यह पर्व 6 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा। उन्होंने कहा, "रामनवमी का यह अवसर भगवान श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने का मौका है। यह पर्व हमें एकता, भाईचारा और धर्म के मार्ग पर चलने की सीख देता है।" पीएम ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद पहली रामनवमी के महत्व को भी रेखांकित किया, जो पिछले वर्ष देश भर में धूमधाम से मनाई गई थी।
सुनीता विलियम्स की उपलब्धि पर गर्व:
पीएम मोदी ने भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स का विशेष उल्लेख किया, जो हाल ही में 18 मार्च 2025 को अपने साथी बुच विल्मोर के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से लगभग 10 महीने बाद पृथ्वी पर लौटी थीं। उन्होंने कहा, "सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन किया है। उनकी यह उपलब्धि नारी शक्ति और भारत की वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक है। यह हमारे युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है कि वे विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू सकते हैं।" सुनीता की इस यात्रा को नासा के बोइंग स्टारलाइनर मिशन का हिस्सा बताया गया, जो पिछले साल जून में शुरू हुई थी।
जल संरक्षण और गर्मियों का सदुपयोग:
गर्मियों के मौसम को ध्यान में रखते हुए पीएम ने जल संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "गर्मी के दिन शुरू हो गए हैं। यह समय जल संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने का है। 'कैच द रेन' अभियान जनता का अभियान है, जिसके तहत पिछले कुछ वर्षों में 11 अरब क्यूबिक मीटर से अधिक पानी संरक्षित किया गया है।" साथ ही, उन्होंने बच्चों से गर्मियों की छुट्टियों का सदुपयोग करने की अपील की। "यह समय अपने हुनर को निखारने और स्वयंसेवी कार्यों से जुड़ने का है," उन्होंने कहा।
फिट इंडिया और सामाजिक जागरूकता:
पीएम ने दिल्ली में हाल ही में आयोजित 'फिट इंडिया कार्निवल' का उल्लेख किया, जिसमें 25,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, "फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है। यह आयोजन लोगों में जोश और प्रेरणा का संचार करता है।" इसके अलावा, उन्होंने टेक्सटाइल वेस्ट से निपटने के लिए भारतीय स्टार्टअप्स के प्रयासों की सराहना की और सामुदायिक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठाने की अपील की।
देशवासियों के संदेशों का जिक्र:
पीएम ने बताया कि उनके पास देश के अलग-अलग हिस्सों से ढेर सारी चिट्ठियां आई हैं, जिनमें लोगों ने त्योहारों की बधाई और अपने अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने कहा, "ये संदेश हमारी सांस्कृतिक एकता और उत्साह को दर्शाते हैं। यह 'मन की बात' को और खास बनाता है।"
प्रसारण और प्रतिक्रिया:
यह कार्यक्रम आकाशवाणी के 500 से अधिक केंद्रों, दूरदर्शन, और यूट्यूब जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर लाइव प्रसारित हुआ। 'मन की बात' का यह 120वां एपिसोड अपने शुरूआती प्रसारण से लेकर अब तक देशवासियों के बीच बेहद लोकप्रिय रहा है। प्रसार भारती के अनुसार, लगभग 100 करोड़ लोग इसे कम से कम एक बार सुन चुके हैं, जबकि 23 करोड़ लोग नियमित श्रोता हैं।
निष्कर्ष:
पीएम मोदी का यह संबोधन एक बार फिर देश की सांस्कृतिक धरोहर, वैज्ञानिक प्रगति और सामाजिक जिम्मेदारी को रेखांकित करने वाला रहा। उन्होंने देशवासियों से एकजुट होकर इन मूल्यों को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। अगला एपिसोड अप्रैल के अंतिम रविवार को प्रसारित होगा।