इस अवसर पर उनके साथ केंद्रीय राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन, मंत्रालय के सचिव डॉ. चंद्र शेखर कुमार, केंद्रीय वक्फ परिषद के वरिष्ठ अधिकारी और मंत्रालय के तमाम कर्मी भी मौजूद रहे। इस अभियान के जरिए न केवल पर्यावरणीय चेतना को जागृत किया गया, बल्कि इसे मातृत्व के सम्मान से जोड़कर भावनात्मक गहराई भी दी गई।
"माँ के सम्मान में एक पेड़" – इस विचार ने लोगों को भावुक कर दिया। कार्यक्रम के दौरान मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी-अपनी माताओं के नाम पर पौधे लगाकर इस पहल को एक व्यक्तिगत स्पर्श दिया।
भारत की वैश्विक नेतृत्व भूमिका पर बल
मीडिया से बातचीत में श्री रिजिजू ने कहा कि भारत आज पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने वृक्षारोपण जैसे अभियानों को हरित कवर बढ़ाने की दिशा में प्रभावी कदम बताया।
उन्होंने कहा, “हम न सिर्फ पर्यावरण के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं, बल्कि पारिस्थितिकीय संतुलन की पुनः स्थापना के लिए भी सतत प्रयास कर रहे हैं।”
वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम
केंद्रीय मंत्री ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 का उल्लेख किया, जो इन संपत्तियों के कानूनी और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत बनाएगा।
उन्होंने कहा, “हम केंद्रीय वक्फ परिषद को समुदाय की सेवा में अधिक सशक्त और उत्तरदायी बनाने की दिशा में कार्यरत हैं।”
‘उम्मीद’ पोर्टल 6 जून को होगा लॉन्च
श्री रिजिजू ने जानकारी दी कि वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण और पारदर्शी प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार 6 जून को ‘उम्मीद’ नामक पोर्टल लॉन्च करने जा रही है। उन्होंने राज्य सरकारों और वक्फ बोर्डों से इसमें सक्रिय भागीदारी की अपील की ताकि 9 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियों का सामाजिक उपयोग, खासकर महिलाओं और बच्चों के कल्याण में किया जा सके।
बेंगलुरु हादसे पर जताई संवेदना
मंत्री महोदय ने हाल ही में बेंगलुरु में घटित दुखद घटना पर शोक जताते हुए पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट की।
अभियान बना जनभागीदारी का प्रतीक
‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान केवल एक प्रतीकात्मक पहल नहीं रहा, बल्कि यह पर्यावरणीय चेतना, भावनात्मक जुड़ाव और सामाजिक भागीदारी का प्रभावशाली संगम बन गया। मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी ने इसे एक जन-आंदोलन का प्रारूप दे दिया।
यह अभियान अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की उस व्यापक सोच को भी दर्शाता है, जो पर्यावरण संरक्षण, समावेशिता और उत्तरदायी शासन को एक साथ लेकर चलती है।