पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम
2018 में पहली बार शुरू हुए इस अभियान ने अब तक ग्राम पंचायतों को केंद्राभिमुख, साक्ष्य-आधारित और समावेशी विकास योजनाएं बनाने में सक्षम बनाया है। इस बार भी विशेष ग्राम सभाओं के माध्यम से स्थानीय प्राथमिकताओं को समझते हुए योजनाएं बनाई जाएंगी, जो राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप होंगी।
अब तक 18.13 लाख से अधिक विकास योजनाएं अपलोड
ई-ग्रामस्वराज पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019-20 से अब तक 18.13 लाख से अधिक पंचायत विकास योजनाएं अपलोड की जा चुकी हैं। इनमें ग्राम पंचायत, ब्लॉक पंचायत और जिला पंचायत की योजनाएं शामिल हैं। अकेले वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 2.52 लाख से अधिक योजनाएं तैयार हो चुकी हैं, जो वर्तमान अभ्यास का हिस्सा हैं।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ शुरू हुई तैयारियाँ
26 सितंबर 2025 को पंचायती राज मंत्रालय के अपर सचिव श्री सुशील कुमार लोहानी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक अहम वर्चुअल बैठक की। इसमें जन योजना अभियान की तैयारियों की समीक्षा की गई और रोलआउट की रणनीति साझा की गई। मंत्रालय ने 20 अन्य मंत्रालयों और विभागों से भी अनुरोध किया है कि वे अपने-अपने स्तर पर ग्राम सभा बैठकों में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।
क्या है इस बार की खास बात?
इस वर्ष के जन योजना अभियान में डिजिटल प्लेटफॉर्म का अधिकतम उपयोग किया जाएगा। ग्राम सभाएं ‘ई-ग्रामस्वराज पोर्टल’, ‘मेरी पंचायत ऐप’ और ‘पंचायत निर्णय’ जैसे टूल्स के माध्यम से अपने विकास कार्यों की समीक्षा करेंगी। अधूरे कार्यों की पहचान कर उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी, खासकर वे कार्य जो केंद्रीय वित्त आयोग की अनुदानों से पूरे किए जा सकते हैं।
विशेष फोकस – जनजातीय सशक्तिकरण और सहभागी योजना
‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के तहत इस बार जनजातीय क्षेत्रों में विशेष सशक्तिकरण पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। नियोजन में पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI) के मार्गदर्शन में काम होगा, जिससे योजनाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और स्वयं के स्रोत से होने वाली आमदनी (OSR) को भी बढ़ावा मिलेगा।
क्या है आगे की रणनीति?
_नोडल अधिकारियों की नियुक्ति
_प्रशिक्षकों को ट्रेनिंग
_ग्राम सभा कार्यक्रम का अंतिम रूप
_सार्वजनिक सूचना बोर्ड पर जानकारी का प्रदर्शन
_मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म्स का सक्रियकरण