इस अवसर पर न्याय विभाग के सचिव ने स्वयं नेतृत्व करते हुए विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ श्रमदान में भाग लिया। उन्होंने कार्यस्थल पर स्वच्छता, अनुशासन और जागरूकता की संस्कृति को प्रोत्साहित करते हुए सामूहिक प्रयासों की शक्ति पर बल दिया। उन्होंने कहा कि “स्वच्छ भारत की दिशा में यह पहल न केवल एक दायित्व है, बल्कि राष्ट्र के प्रति हमारी सेवा भावना का प्रतीक भी है।”
कार्यक्रम की खास बात रही डॉ. राधा गोयल (उप निदेशक, आईपीसीए) द्वारा आयोजित एक जागरूकता सत्र, जिसमें उन्होंने ‘तीन आर’ – रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकल के सिद्धांतों को अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इन सिद्धांतों को अपनाकर न केवल अपशिष्ट प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सकता है, बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है।
इस स्वच्छोत्सव के तहत "स्वच्छ हरित उत्सव" को ध्यान में रखते हुए जैसलमेर हाउस के समक्ष स्थित लॉन में वृक्षारोपण अभियान भी चलाया गया, जिसमें कई प्रजातियों के पौधे लगाए गए। इस पहल का उद्देश्य न केवल पर्यावरण को स्वच्छ बनाना है, बल्कि उसे हरित और सतत बनाए रखने की दिशा में एक ठोस कदम भी है।
स्वच्छ भारत, सशक्त भारत की भावना को समर्पित यह पहल, न्याय विभाग द्वारा जनभागीदारी के माध्यम से स्वच्छता को जनांदोलन में बदलने की दिशा में एक प्रेरक उदाहरण बनकर उभरी है।