भारत में मिस वर्ल्ड – एक ऐतिहासिक क्षण
भारत चौथी बार मिस वर्ल्ड जैसी वैश्विक प्रतियोगिता की मेज़बानी कर रहा है। 1996 के बाद पहली बार यह कार्यक्रम भारत में हो रहा है, और इस बार आयोजन स्थल के रूप में चुना गया है – तेलंगाना। राज्य सरकार ने इसे एक राज्य की सांस्कृतिक शक्ति और महिला सशक्तिकरण को वैश्विक स्तर पर दर्शाने वाला मौका बताया है।
नंदिनी गुप्ता का दृष्टिकोण: 'पेजेंट्री केवल सौंदर्य नहीं, सोच की क्रांति है'
नंदिनी गुप्ता, जो स्वयं Project Ekta नामक सामाजिक पहल से जुड़ी हैं, कहती हैं,
"आज की पेजेंट्री सिर्फ सुंदरता तक सीमित नहीं रही, यह एक मंच है जहां महिलाएं अपनी सोच, नेतृत्व क्षमता और समाज के प्रति योगदान को दिखा सकती हैं।"
उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह मिस वर्ल्ड का मंच प्रतिभाओं को पहचान दिलाने के साथ-साथ सामाजिक पहल के लिए भी प्रेरित करता है।
Nandini Gupta takes to Hyderabad as a part of her Beauty With A Purpose initiative, Project Ekta | Photo Source | Femina Miss India/facebook
Project Ekta – एकजुटता की मिसाल
नंदिनी द्वारा शुरू की गई Project Ekta एक ऐसी पहल है जिसका उद्देश्य वंचित बच्चों की शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को सशक्त बनाना है। उन्होंने बताया कि यह सिर्फ एक CSR एक्टिविटी नहीं, बल्कि उनकी "पर्सनल कमिटमेंट" है।
"हर बच्चा एक नेता बन सकता है, ज़रूरत है उसे संसाधन और समर्थन देने की," – नंदिनी।
प्रशिक्षण और मानसिक तैयारी
नंदिनी ने साझा किया कि मिस वर्ल्ड जैसे मंच के लिए तैयारी केवल शारीरिक नहीं, मानसिक और भावनात्मक भी होती है। इसमें
पर्सनालिटी डेवलपमेंट,
पब्लिक स्पीकिंग,
सोशल वर्क का अनुभव, और
मानवता के मूल्यों की समझ
जरूरी होती है।
तेलंगाना सरकार और मिस वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन की साझेदारी
तेलंगाना सरकार और मिस वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन के बीच की साझेदारी को एक "कल्चरल डिप्लोमेसी" के रूप में देखा जा रहा है। राज्य सरकार ने इस आयोजन के लिए विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और पर्यावरणीय मानकों का पालन करने का भरोसा दिलाया है।
अर्थव्यवस्था और टूरिज़्म को मिलेगा बढ़ावा
विशेषज्ञों के अनुसार, इस आयोजन से तेलंगाना को न केवल अंतरराष्ट्रीय पहचान, बल्कि पर्यटन, स्थानीय हस्तशिल्प और छोटे व्यापारों को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। अनुमान है कि इससे हज़ारों करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधि उत्पन्न होगी।
निष्कर्ष
भारत में मिस वर्ल्ड 2025 का आयोजन एक नव भारत की छवि पेश करता है – जहां संस्कृति, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक चेतना एक साथ चलते हैं। नंदिनी गुप्ता जैसी युवा महिलाएं इस बदलाव की प्रेरणा बन रही हैं।