डॉ. मांडविया ने ये बात नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही, जहां श्रम मंत्रालय ने ‘मेंटर टुगेदर’ और ‘क्विकर’ के साथ राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) पोर्टल को और सशक्त बनाने हेतु समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर राज्यमंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे भी मौजूद रहीं।
NCS पोर्टल पर आंकड़े चौंकाने वाले:
_7.22 करोड़ से अधिक कुल रिक्तियां अब तक उपलब्ध कराई जा चुकी हैं।
_44 लाख से ज्यादा सक्रिय जॉब लिस्टिंग्स फिलहाल पोर्टल पर मौजूद हैं।
_5.79 करोड़ से अधिक नौकरी चाहने वाले और 52 लाख पंजीकृत नियोक्ता इससे जुड़े हैं।
डॉ. मांडविया ने बताया कि पिछले एक वर्ष में, मंत्रालय ने अमेजन, स्विगी समेत 10 प्रमुख संगठनों के साथ समझौते किए हैं, जिनके ज़रिए 5 लाख नौकरियों की व्यवस्था की गई है।
युवाओं के लिए सरकार की बड़ी पहल:
डॉ. मांडविया ने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही युवाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था, जिसमें 5 प्रमुख योजनाएं शामिल हैं।
इसमें सबसे अहम योजना है – प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना (PM-VBRY), जिसके तहत:
_99,446 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
_2 वर्षों में 3.5 करोड़ नए रोजगार सृजित करने का लक्ष्य।
_इनमें से 1.92 करोड़ युवाओं के लिए यह पहला जॉब अनुभव होगा।
‘मेंटर टुगेदर’ और ‘क्विकर’ से युवाओं को क्या मिलेगा?
‘मेंटर टुगेदर’ के साथ:
_पहले साल में 2 लाख युवाओं तक पहुंच बनाने का लक्ष्य।
_इनमें 1 लाख PM-VBRY और 1 लाख NCS प्रतिभागी होंगे शामिल।
_24,000 से अधिक प्रोफेशनल मेंटर्स के ज़रिए व्यक्तिगत करियर मार्गदर्शन की सुविधा।
‘क्विकर’ के साथ:
_देशभर के 1200 शहरों से प्रतिदिन 1,200 नौकरियों की जानकारी अब सीधे NCS पोर्टल पर।
_खासकर ग्रामीण और वंचित वर्ग के युवाओं को मिलेगा लाभ।
रोजगार मॉडल में डिजिटल और समावेशी दृष्टिकोण
डॉ. मांडविया ने कहा कि सरकार सिर्फ नौकरियां नहीं, बल्कि सम्मानजनक और टिकाऊ रोजगार मॉडल बना रही है। उन्होंने मुद्रा योजना, पीएम स्वनिधि जैसी योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई स्तरों पर काम हो रहा है।
राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने भी कहा कि NCS अब भारत का प्रमुख डिजिटल जॉब प्लेटफॉर्म बन चुका है, जो जॉब मैपिंग, परामर्श और कौशल विकास की सुविधाएं एक ही मंच पर देता है।