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Wednesday, July 2, 2025

24JT News Desk / Udaipur /June 28, 2025

भारत ने बाल स्वास्थ्य और सार्वभौमिक टीकाकरण के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। हालिया संयुक्त राष्ट्र अंतर-एजेंसी समूह की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में जहां शून्य खुराक (Zero Dose) वाले बच्चों की संख्या कुल जनसंख्या का 0.11% थी, वहीं 2024 में यह घटकर मात्र 0.06% रह गई है। यह गिरावट न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच का संकेत है, बल्कि यह भारत को एक वैश्विक आदर्श भी बनाती है।

भारत और वैश्विक कवरेज के बीच एंटीजन वार तुलना (%) (डब्ल्यूयूईएनआईसी 2023)
देश / टीकाकरण के क्षेत्र में भारत बना वैश्विक मिसाल, शून्य खुराक वाले बच्चों की संख्या में ऐतिहासिक गिरावट

86% की गिरावट: मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय सुधार


यूएन-एमएमईआईजी 2000-2023 की रिपोर्ट बताती है कि भारत का मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) अब प्रति एक लाख जीवित जन्मों पर 80 पर आ गया है, जो 1990 की तुलना में 86% की गिरावट दर्शाता है। वैश्विक औसत गिरावट 48% रही है।

बच्चों की जान बचाने में भारत अग्रणी


यूएनआईजीएमई 2024 रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR) में 78% की कमी दर्ज की है, जबकि वैश्विक कमी 61% रही। नवजात मृत्यु दर (NMR) में भी 70% की गिरावट आई है, जो कि वैश्विक 54% औसत से काफी बेहतर है।

12 वैक्सीन-रोकथाम योग्य बीमारियाँ, कवरेज में भारी विस्तार


भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) में अब कुल 12 वैक्सीन-निवारणीय बीमारियों को शामिल किया गया है। जहां 2013 तक केवल 6 टीके उपलब्ध थे, वहीं 2014 के बाद से आईपीवी, रोटावायरस, पीसीवी, एमआर, जेई और टीडी जैसे टीके इसमें जोड़े गए।

ज़ीरो डोज़ कार्य योजना और मिशन इंद्रधनुष


2024 में शुरू की गई "ज़ीरो डोज़ कार्यान्वयन योजना" को 11 राज्यों के 143 ज़िलों में लागू किया गया है। इससे उन इलाकों में व्यापक फायदा हुआ है, जहां अब तक बच्चे टीकाकरण से वंचित थे।
मिशन इंद्रधनुष, जिसकी शुरुआत 2014 में हुई थी, को 2017 में तेज़ किया गया और अब तक 5.46 करोड़ बच्चों और 1.32 करोड़ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है।

पोलियो-मुक्त भारत: एक मिसाल


राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय टीकाकरण दिवसों के माध्यम से भारत 2014 से अब तक पोलियो मुक्त बना हुआ है।

डिजिटल ट्रैकिंग और जागरूकता का समन्वय


U-WIN प्लेटफॉर्म जैसे तकनीकी उपायों और नुक्कड़ नाटक, सामुदायिक रेडियो और सोशल मीडिया अभियानों के ज़रिए देश के दूरदराज़ इलाकों तक टीकाकरण की जानकारी पहुँचाई जा रही है। आशा और एएनएम कार्यकर्ता, घर-घर जाकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को न केवल टीका लगा रहे हैं, बल्कि उन्हें इसके लाभ भी समझा रहे हैं।

वैश्विक तुलना में भारत सबसे आगे


डब्ल्यूयूईएनआईसी 2023 के अनुसार, भारत का डीटीपी-1 कवरेज 93% है जो 2.65 करोड़ शिशुओं में से 2.47 करोड़ तक पहुँचा। यह आँकड़ा नाइजीरिया (70%), पाकिस्तान (83%) और इंडोनेशिया (89%) से काफी बेहतर है।

भारत जैसे विशाल और विविधता से भरपूर देश में टीकाकरण कवरेज में यह सफलता, उसकी स्वास्थ्य नीति, बुनियादी ढांचे और प्रतिबद्ध कार्यबल की शक्ति को दर्शाती है।

अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी मिली


भारत को 6 मार्च 2024 को वाशिंगटन डीसी स्थित अमेरिकन रेड क्रॉस मुख्यालय में मीज़ल्स एंड रूबेला चैंपियन अवॉर्ड से नवाज़ा गया। यह पुरस्कार भारत के समर्पित प्रयासों और व्यापक वैक्सीन कवरेज को मान्यता देता है।

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