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Monday, October 13, 2025

24JT News Desk / News Delhi /October 8, 2025

संजय सक्सेना, वरिष्ठ विश्लेषक और विचारक, इस लेख के माध्यम से बताते हैं कि हमारे ग्रह की गति का स्थिरता शायद हमारी आंखों से ओझल हो, लेकिन क्या होता अगर हम जानते कि हमारे द्वारा की गई कोई एक परियोजना, पृथ्वी के घूर्णन की गति को बदल सकती है? हां, आपने सही पढ़ा! नासा ने हाल ही में जो खुलासा किया है, वह हमारी दुनिया की संरचना पर इंसान के द्वारा किए गए एक विशाल निर्माण के प्रभाव को दर्शाता है। यह खुलासा चीन के थ्री गॉर्जेस डैम से जुड़ा हुआ है, जो पृथ्वी के घूर्णन में बदलाव का कारण बन चुका है।

टेक्नोलॉजी / धरती की धुरी खिसकी, सिकुड़ा समय: चीन की इंजीनियरिंग ने बदल डाली पृथ्वी की चाल, नासा का डरावना खुलासा - संजय सक्सैना

थ्री गॉर्जेस डैम: दुनिया का इंजीनियरिंग चमत्कार


चीन का थ्री गॉर्जेस डैम, यांग्त्जी नदी पर स्थित, न केवल ऊर्जा उत्पादन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, बल्कि यह दुनिया के सबसे बड़े हाइड्रोइलेक्ट्रिक डैम के रूप में जाना जाता है। इस डैम में स्थित पानी की भारी मात्रा ने न केवल चीनी ऊर्जा संकट को हल किया है, बल्कि इसे बाढ़ नियंत्रण और जलमार्ग सुधार में भी अहम भूमिका निभाने के लिए डिजाइन किया गया था।

थ्री गॉर्जेस डैम का निर्माण 1994 में शुरू हुआ और 2012 में यह पूरी तरह से चालू हुआ। इसमें लगभग 39.3 बिलियन घन मीटर पानी संग्रहित किया जाता है, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा जलाशय बनाता है। डैम की बिजली उत्पादन क्षमता 22,500 मेगावॉट है, जो लगभग 60 लाख घरों को बिजली मुहैया कराती है।

पृथ्वी की धुरी और घूर्णन गति पर प्रभाव


लेकिन यही विशाल जलाशय अब पृथ्वी की घूर्णन गति पर भी असर डालने लगा है। नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक, थ्री गॉर्जेस डैम में जमा अरबों टन पानी के कारण पृथ्वी की धुरी लगभग 2 सेंटीमीटर खिसक गई है। इसका सबसे बड़ा असर पृथ्वी की घूमने की गति पर पड़ा है, जिससे दिन का समय लगभग 0.06 माइक्रोसेकंड छोटा हो गया है। यह बदलाव भले ही सामान्य जीवन में महसूस न हो, लेकिन यह निश्चित रूप से पृथ्वी की गति को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है।

कैसे हुआ यह बदलाव?


इसका असर समझने के लिए, हम एक वैज्ञानिक उदाहरण का सहारा ले सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए कि आप एक फिगर स्केटर हैं। जब आप अपने हाथ फैलाकर घूमते हैं, तो आपकी गति धीमी रहती है। लेकिन जैसे ही आप अपने हाथों को समेटते हैं, आपकी गति अचानक तेज हो जाती है। बिल्कुल इसी तरह, जब पृथ्वी के किसी हिस्से में भारी द्रव्यमान (जैसे थ्री गॉर्जेस डैम का पानी) इकट्ठा होता है, तो पृथ्वी की घूर्णन गति में बदलाव आ जाता है।
अब, पृथ्वी की धुरी का खिसकना और उसकी घूर्णन गति का बदलना, हमारे ग्रह की भौतिक संरचना को प्रभावित करता है। जब यह बदलाव होता है, तो यह पृथ्वी के संतुलन को कुछ हद तक बदल देता है।

चीन की खतरनाक इंजीनियरिंग


यह डैम न केवल चीन के लिए ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है, बल्कि यह बाढ़ नियंत्रण और जलमार्ग सुधार में भी अहम योगदान देता है। लेकिन अब यह सामने आया है कि इस डैम के विशाल आकार और पानी की भारी मात्रा के कारण पृथ्वी की गति में मामूली बदलाव हुआ है। चीन का यह डैम, जो एक इंजीनियरिंग का अद्वितीय उदाहरण है, अब पृथ्वी के भौतिक संरचना को भी प्रभावित कर रहा है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बदलाव हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि बड़े पैमाने पर मानव निर्मित संरचनाएं ग्रह की प्राकृतिक व्यवस्था को प्रभावित कर सकती हैं। भले ही यह बदलाव मानव जीवन में सीधा प्रभाव न डाले, लेकिन यह उदाहरण है कि कैसे इंसान की बनाई हुई चीजें ग्रह की गतिशीलता पर असर डाल सकती हैं।

क्या यह बदलाव महत्वपूर्ण है?


नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक, भले ही यह बदलाव हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में महसूस न किया जा सके, लेकिन यह एक अहम संकेत है। यह दिखाता है कि मानव की उन्नति और विशाल परियोजनाएं न केवल हमारे आसपास के परिवेश पर, बल्कि हमारे ग्रह की संरचना पर भी प्रभाव डाल सकती हैं।
अब सवाल यह उठता है: क्या हम कभी इस बात पर विचार करते हैं कि हम जो कुछ भी बनाते हैं, उसका असर पृथ्वी पर क्या हो सकता है? क्या हम अपनी उन्नति को ग्रह के संतुलन और स्थिरता को बनाए रखते हुए कर रहे हैं? यह समय है जब हमें अपनी योजनाओं और परियोजनाओं के पर्यावरणीय और भौतिक प्रभाव को
समझने की जरूरत है।

संजय सक्सेना, वरिष्ठ विश्लेषक और विचारक - सोचिए, क्या हम अपनी बढ़ती परियोजनाओं के साथ पृथ्वी की प्राकृतिक धारा को बदलने का खतरा नहीं उठा रहे हैं? क्या हमें इन बदलावों को और बेहतर तरीके से समझने और नियंत्रित करने की आवश्यकता नहीं है?
अब, जब हम अपनी नई परियोजनाओं की ओर बढ़ रहे हैं, तो क्या हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे पृथ्वी के संतुलन को बनाए रखें?


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