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Tuesday, October 14, 2025

24JT NEWSDESK / Udaipur /September 15, 2025

देश की कृषि व्यवस्था को नई दिशा देने के उद्देश्य से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा रबी अभियान 2025 के लिए आयोजित राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन की भव्य शुरुआत आज पूसा, नई दिल्ली में हुई। सम्मेलन की थीम – ‘एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम’ – भारत की कृषि में समन्वित प्रयासों की ज़रूरत को रेखांकित करती है।

"केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने नई दिल्ली में शुरू किया दो दिवसीय राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन" | Photo Source : PIB
देश / केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने नई दिल्ली में शुरू किया दो दिवसीय राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन

इस बार पहली बार रबी कॉन्फ्रेंस का आयोजन दो दिन का किया गया है, जो केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल का परिणाम है।

शिवराज सिंह चौहान का संकल्प:


“भारत को विश्व की फूड बॉस्केट बनाएंगे, देश में खाद्यान्न या सब्जियों की कोई कमी नहीं रहने देंगे।”

सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री चौहान ने कहा कि भारत की कृषि विकास दर 3.7% तक पहुंच गई है, जो कि विश्व में सबसे अधिक है। इसका श्रेय उन्होंने किसानों, वैज्ञानिकों और सरकार की किसान-हितैषी नीतियों को दिया।

“हम साधारण लोग नहीं हैं, हम देश की आधी आबादी का भविष्य गढ़ने वाले लोग हैं। हमें खेती और किसान की भलाई से मतलब है,” उन्होंने गर्व के साथ कहा।

नकली खाद-बीज और कीटनाशक पर सख्ती:


कृषि मंत्री ने दो टूक कहा कि अब नकली खाद-बीज और कीटनाशकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। केवल वही बायोस्टिमुलेंट (जैव उत्तेजक) बाजार में बिकेंगे जो गुणवत्ता की कसौटी पर खरे उतरेंगे।

"किसानों का शोषण अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

कृषि क्षेत्र में साझा रणनीति की आवश्यकता:


मंत्री ने स्पष्ट कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें एक टीम की तरह कार्य करेंगी। कृषि प्रसार, नीति निर्माण, तकनीकी शोध, और योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए संस्थाओं के बीच ठोस तालमेल और साझा रणनीति जरूरी है।

“अब एग्रीकल्चर रिसर्च सिर्फ पेपर छापने के लिए नहीं, किसानों की जमीनी समस्याओं का हल निकालने के लिए होगी।”

बदलते मौसम में बीमा पर ज़ोर:


श्री चौहान ने बदलते मौसम की चुनौती को स्वीकारते हुए सभी अधिकारियों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को अधिक प्रभावशाली तरीके से लागू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक किसानों को बीमा योजना से जोड़ना आज की आवश्यकता है।

वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संवाद:


सम्मेलन के पहले दिन कृषि मंत्री ने देशभर के वरिष्ठ कृषि अधिकारियों, वैज्ञानिकों और किसान प्रतिनिधियों से सीधा संवाद किया और उन्हें कृषि विकास में वैल्यू एडिशन की अपील की।

अन्य प्रमुख वक्ता:


* कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि सम्मेलन में 6 समानांतर ब्रेकआउट सेशन आयोजित किए जा रहे हैं।

* ICAR महानिदेशक डॉ. एम. एल. जाट ने कृषि अनुसंधान के नवाचारों पर प्रकाश डाला।

* राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीना उद्घाटन सत्र में विशेष रूप से उपस्थित रहे।

यह सम्मेलन एक रणनीतिक मंच बनकर उभरा है जहाँ नीति-निर्माता, वैज्ञानिक और कृषि विशेषज्ञ मिलकर रबी फसलों की बेहतर उत्पादन रणनीति पर मंथन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' विजन के अनुरूप यह सम्मेलन कृषि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।

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