ओज़ोन परत क्या है?
ओज़ोन परत पृथ्वी के
समताप मंडल (Stratosphere) में स्थित एक गैसीय आवरण है, जो सूर्य की
हानिकारक पराबैंगनी (UV) किरणों को धरती तक पहुंचने से रोकती है। यह परत हमारे जीवन के लिए एक अदृश्य ढाल की तरह कार्य करती है। यदि यह परत न हो, तो पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व ही खतरे में पड़ सकता है।
ओज़ोन दिवस क्यों मनाया जाता है?
16 सितंबर 1987 को
"मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल" पर हस्ताक्षर किए गए थे, जो ओज़ोन परत को नुकसान पहुँचाने वाले रसायनों (जैसे CFCs) के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है। इसी ऐतिहासिक समझौते की स्मृति में
संयुक्त राष्ट्र ने
1994 में
16 सितंबर को
अंतर्राष्ट्रीय ओज़ोन संरक्षण दिवस घोषित किया।
2025 की थीम: “ओज़ोन की रक्षा, पृथ्वी की रक्षा”
इस वर्ष ओज़ोन दिवस की थीम है
"ओज़ोन की रक्षा, पृथ्वी की रक्षा", जो यह दर्शाती है कि ओज़ोन की सुरक्षा केवल पर्यावरण की नहीं, बल्कि पूरे मानव जीवन की सुरक्षा है। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसे मुद्दों के बीच ओज़ोन परत का संरक्षण पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
भारत की भूमिका
भारत ने भी ओज़ोन परत की रक्षा हेतु कई प्रयास किए हैं। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जैसे कि ओज़ोन क्षरणकारी पदार्थों के आयात और उपयोग पर रोक, जनजागरूकता कार्यक्रम, और पर्यावरणीय शिक्षा का प्रचार।
हम क्या कर सकते हैं?
_ओज़ोन-हानिकारक उत्पादों का उपयोग न करें (जैसे पुरानी रेफ्रिजरेटर्स, एयर कंडीशनर्स)।
_गाड़ियों की नियमित सर्विसिंग कराएं ताकि प्रदूषण कम हो।
_प्लास्टिक जलाने से बचें।
_पर्यावरण मित्र उत्पादों का उपयोग करें।
_अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और हरियाली बढ़ाएं।
ओज़ोन परत की रक्षा केवल सरकारों या संगठनों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हम सभी की सामूहिक ज़िम्मेदारी है। आइए इस ओज़ोन दिवस पर हम सब संकल्प लें कि हम अपने छोटे-छोटे प्रयासों से पृथ्वी की इस जीवनरक्षक परत को सुरक्षित रखेंगे।
"अगर ओज़ोन बचेगा, तो जीवन बचेगा" ओज़ोन दिवस पर यही है हमारा संदेश।