इस राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत राज्य के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई की उपस्थिति में हुई। इस मौके पर वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के सचिव एम. नागराजू, भारतीय रिजर्व बैंक, सेबी, आईआरडीएआई, पीएफआरडीए के प्रतिनिधि और कई प्रमुख वित्तीय संस्थानों के अधिकारी भी मौजूद रहे।
वित्त मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा:
“अदावाकृत जमा सिर्फ कागज पर आंकड़े नहीं हैं, ये आम लोगों की खून-पसीने की कमाई का हिस्सा हैं। ये वो बचत हैं जो शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा में सहायक हो सकती हैं।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह अभियान
3ए रणनीति – "Awareness, Access, Action" (जागरूकता, पहुंच, कार्रवाई) पर आधारित है। उन्होंने कहा कि:
_जागरूकता: नागरिकों को यह पता हो कि लावारिस वित्तीय संपत्तियां क्या हैं और उन्हें कैसे वापस पाया जा सकता है।
पहुंच: डिजिटलीकरण और जिला स्तर की पहुंच के माध्यम से प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
कार्रवाई: पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से दावों का निपटान सुनिश्चित किया जाएगा।
अमित शाह का संदेश
गृह मंत्री एवं गांधीनगर सांसद श्री अमित शाह ने भी इस मौके पर एक संदेश भेजा। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा:
“यह केवल जमा राशि की वापसी का अभियान नहीं, बल्कि यह जनता के विश्वास और सशक्तिकरण की दिशा में एक सामूहिक प्रयास है।”
कुछ अहम आंकड़े
वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू के मुताबिक:
_₹75,000 करोड़ से अधिक की दावा रहित जमा राशि RBI के DEAF फंड में स्थानांतरित हो चुकी है।
_₹13,800 करोड़ बीमा क्षेत्र में अदावाकृत है।
_₹9,000 करोड़ से अधिक का लाभांश अब तक दावारहित है।
_₹3,000 करोड़ से अधिक म्यूचुअल फंड शेष भी दावा नहीं किए गए हैं।
डिजिटल प्लेटफॉर्म और हेल्पडेस्क
इस अभियान के अंतर्गत एक डिजिटल प्रदर्शन मंच और सहायता केंद्र बनाए गए हैं, जिससे देश के किसी भी कोने से नागरिक अपनी लावारिस वित्तीय परिसंपत्तियों का पता लगा सकते हैं और दावा कर सकते हैं। अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच यह अभियान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिलों तक पहुंचेगा।
लाभार्थियों को सौंपे गए प्रमाण पत्र
इस अवसर पर निर्मला सीतारमण ने उन लाभार्थियों को प्रमाण पत्र सौंपे, जिन्होंने विभिन्न वित्तीय संस्थानों से अपनी लावारिस जमा राशि सफलतापूर्वक वापस प्राप्त की। इससे यह संदेश गया कि सरकार सिर्फ घोषणा नहीं करती, अमल भी करती है।
गुजरात के वित्त मंत्री का वक्तव्य
कनुभाई देसाई ने कहा कि:
"यह गर्व की बात है कि इस राष्ट्रव्यापी अभियान का शुभारंभ गुजरात से हुआ है। राज्य सरकार की ओर से पूरी भागीदारी और सहयोग का आश्वासन दिया जाता है।"
एकजुट प्रयास, एक पारदर्शी भविष्य
"आपकी पूंजी, आपका अधिकार" एक ऐसी मुहिम है जो नागरिकों के अधिकार को उनके हाथों में सौंपने का कार्य कर रही है। यह पहल वित्तीय संस्थानों, नियामक निकायों और केंद्र व राज्य सरकारों के साझा सहयोग से एक व्यापक, समावेशी और नागरिक-हितैषी अभियान बन चुकी है।
क्या है आगे की योजना?
_सभी जिलों में कैंप लगाए जाएंगे
_डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सहायता जारी रहेगी
_दावा प्रक्रिया को तेज और सरल बनाया जाएगा