यह घोषणा यूपीएससी अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने एक वर्चुअल बैठक के दौरान की, जिसमें देशभर के 27 राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्ष और सदस्य शामिल हुए। इस बैठक का उद्देश्य शताब्दी समारोहों में राज्यों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना था।
डॉ. कुमार ने कहा कि UPSC इस केंद्र की स्थापना में नेतृत्व करेगा, लेकिन राज्यों की भागीदारी और ज्ञान-साझा योगदान इस प्रयास को सार्थक बनाएंगे। उन्होंने सभी राज्य आयोगों से सुझाव आमंत्रित करते हुए कहा कि यह केंद्र न केवल यूपीएससी और राज्य पीएससी को लाभ देगा, बल्कि अन्य राष्ट्रीय भर्ती एजेंसियों के लिए भी मार्गदर्शक सिद्ध होगा।
‘प्रतिभा सेतु’ को बताया गया दूरदर्शी पहल
बैठक में यूपीएससी द्वारा शुरू किए गए ‘प्रतिभा सेतु’ पोर्टल की सराहना की गई, जो उन उम्मीदवारों को वैकल्पिक अवसर प्रदान करता है जो साक्षात्कार तक पहुंचते हैं लेकिन अंतिम चयन सूची में स्थान नहीं बना पाते। यह पोर्टल निजी व अर्ध-सरकारी संस्थानों के साथ जुड़कर देश की प्रतिभा का व्यापक उपयोग सुनिश्चित करता है।
शताब्दी समारोह: अतीत, वर्तमान और भविष्य का समागम
डॉ. अजय कुमार ने कहा कि 1 अक्टूबर 1926 को स्थापित यूपीएससी का यह शताब्दी समारोह न केवल संस्थागत यात्रा पर चिंतन का अवसर है, बल्कि वर्तमान का उत्सव और भविष्य की दिशा तय करने का भी क्षण है। उन्होंने भारत की भर्ती प्रणाली को विश्व में सबसे सुदृढ़ और निष्पक्ष करार देते हुए कहा कि यह व्यवस्था दशकों से लाखों प्रतिभाशाली युवाओं को राष्ट्रसेवा के लिए तैयार कर रही है।
राज्य आयोगों की सक्रिय भागीदारी
बैठक में कई राज्यों ने विशेष रूप से आकांक्षी जिलों में सिविल सेवा परीक्षा की जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह पाया गया कि इन क्षेत्रों में सूचना और संसाधनों की कमी के चलते प्रतिभाशाली युवा मुख्यधारा से वंचित रह जाते हैं। इस अंतर को पाटने के लिए व्यापक जागरूकता और मार्गदर्शन अभियानों की सिफारिश की गई।
यूपीएससी सदस्य डॉ. दिनेश दास ने राज्य आयोगों को शताब्दी वर्ष के तहत अपने-अपने राज्यों में प्रदर्शनियों और जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि यह भागीदारी देश भर में भर्ती प्रणाली के प्रति विश्वास और प्रेरणा को बढ़ाएगी।
उपस्थित अधिकारी
बैठक में यूपीएससी के वरिष्ठ अधिकारी — सचिव श्री शशि रंजन कुमार, अपर सचिव श्री जय प्रकाश पांडे, संयुक्त सचिव श्री संतोष अजमेरा, और संयुक्त सचिव सुश्री हंशा मिश्रा भी मौजूद रहे।