वार्षिक तुलना में दोहरे अंकों की वृद्धि
वित्तीय वर्ष 2025-26 के अगस्त तक के संचयी आंकड़ों पर नज़र डालें तो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में कोयला उत्पादन में 11.88% और प्रेषण में 9.12% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
यह रुझान न केवल परिचालन दक्षता में सुधार को दर्शाता है, बल्कि खनन संसाधनों के अधिक प्रभावी उपयोग की ओर भी संकेत करता है।
नियमित निगरानी और नीतिगत निर्णयों का असर
कोयला मंत्रालय ने इस प्रगति का श्रेय रणनीतिक नीतिगत पहलों, कड़ी निगरानी, और हितधारकों के सतत सहयोग को दिया है। मंत्रालय का मानना है कि इन प्रयासों से परिचालन स्वीकृतियों में तेजी आई है और उत्पादन क्षमता के विस्तार को बल मिला है।
संलग्न ग्राफ में दिख रहा है निरंतर सुधार
रिपोर्ट के साथ संलग्न ग्राफ़ में भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कैसे उत्पादन और प्रेषण दोनों में निरंतर वृद्धि हो रही है। यह आंकड़े क्षेत्र में स्थायित्व और दीर्घकालिक विकास की दिशा में एक मजबूत संकेत हैं।
ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में अहम कदम
कोयला मंत्रालय ने भारत में कैप्टिव और वाणिज्यिक खनन क्षमता के पूर्ण दोहन की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि आगामी महीनों में उत्पादन में निरंतरता बनाए रखने, आपूर्ति में बाधाओं को कम करने और देश की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति में अहम भूमिका निभाने पर ज़ोर दिया जाएगा।