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Wednesday, July 2, 2025

धर्म

धर्म / June 29, 2025
सालबेग की भक्ति: क्यों रुकता है भगवान जगन्नाथ का रथ एक मुस्लिम भक्त की मज़ार पर?

ओडिशा के पुरी में हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकलने वाली विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह धार्मिक एकता और भक्ति का अनूठा प्रतीक भी है। इस भव्य यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र, और बहन सुभद्रा के रथ एक विशेष स्थान पर कुछ देर के लिए रुकते हैं—यह स्थान है उनके मुस्लिम भक्त सालबेग की मज़ार। यह परंपरा, जो सदियों से चली आ रही है, भगवान जगन्नाथ की उस करुणा को दर्शाती है जो धर्म, जाति, या समुदाय के बंधनों से परे है। आइए जानते हैं इस अद्भुत परंपरा के पीछे की कहानी और इसका महत्व।

धर्म / June 27, 2025
जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: पुरी में भक्ति और उत्साह का महासंगम

ओडिशा के पवित्र शहर पुरी में आज भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा का भव्य शुभारंभ हुआ। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आयोजित इस रथ यात्रा में लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की भव्य शोभायात्रा के साक्षी बने। यह नौ दिवसीय उत्सव, जिसे श्री गुंडिचा यात्रा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक है।

धर्म / June 24, 2025
आध्यात्मिक मार्ग पर गुरु का महत्व: महंत साध्वी शालिनीनंद महाराज

महंत साध्वी शालिनीनंद महाराज ने आध्यात्मिकता के गहन दर्शन को साझा करते हुए कहा कि आध्यात्मिक मार्ग एक आंतरिक यात्रा है, जिसमें गुरु एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं। सद्गुरु के शब्दों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया, "गुरु वह रोशनी हैं जो अंधेरे में जलती है, लेकिन प्रकाश आपका ही होता है।" यह कथन आध्यात्मिक साधकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

धर्म / June 11, 2025
सनातन धर्म पर संकट: महंत साध्वी शालिनी नंद महाराज की चेतावनी -

सनातन धर्म की रक्षा और समाज में बढ़ते अधर्म के खिलाफ अपनी बेबाक राय रखने वाली श्री जगद्गुरु दत्तात्रेय सदा विजयतराम की शिष्या, महंत साध्वी शालिनी नंद महाराज ने हाल ही में एक सत्संग के दौरान समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कलयुग के इस दौर में इंसानियत खत्म हो चुकी है, धर्म का लोप हो रहा है, और समाज केवल स्वार्थ और दिखावे की चपेट में आ गया है। उनके इस बयान ने धार्मिक और सामाजिक हलकों में एक नई बहस को जन्म दिया है।

धर्म / June 7, 2025
निर्जला एकादशी: सनातन धर्म में विशेष महत्व, भीमसेन की प्रेरणा से पाण्डव द्वादशी के नाम से विख्यात - महंत साध्वी शालिनीनंद महाराज

सनातन शास्त्रों में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। महंत साध्वी शालिनीनंद महाराज के अनुसार, प्रत्येक सनातनी को इस पवित्र दिन व्रत रखने का प्रयास करना चाहिए। यदि व्रत संभव न हो, तो पवित्र आचरण, सात्विक भोजन और भगवान के नाम का जप-स्मरण करते हुए दिन व्यतीत करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन तामसिक भोजन और चावल का सेवन पूर्णतः निषेध है।

धर्म / June 6, 2025
निर्जला एकादशी 2025: गृहस्थ 6 जून को, वैष्णव 7 जून को करें व्रत - आचार्य अनुज

ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे निर्जला एकादशी या भीमसेनी एकादशी के नाम से जाना जाता है, इस वर्ष 2025 में विशेष महत्व रखती है। इस बार द्वादशी तिथि की वृद्धि के कारण व्रत का दिन स्पष्ट करना आवश्यक है। शास्त्रीय निर्णय के अनुसार, गृहस्थों और वैष्णवों के लिए व्रत के दिन अलग-अलग हैं।

धर्म / May 29, 2025
महंत साध्वी शालिनी नन्द जी महाराज की ‘सात धूणा तपस्या’, भजन-कीर्तन में डूबा गाँव

हरियाणा के उचाना खुर्द से महंत साध्वी शालिनी नन्द जी महाराज, जिनकी उम्र मात्र 30 वर्ष है, भीषण गर्मी में ‘सात धूणा तपस्या’ में लीन हैं। इस कठिन तपस्या के बीच गाँव की महिलाएँ और बुजुर्ग भजन-कीर्तन के साथ राम के नाम में डूबे हुए हैं, और पूरे गाँव में आध्यात्मिक माहौल बना हुआ है। गाँव वालों ने बताया कि यह तपस्या सुख-शांति और गृहस्थी की समृद्धि के लिए की जा रही है।

धर्म / May 29, 2025
महंत साध्वी शालिनी नन्द जी महाराज की ‘सात धूणा तपस्या’ का छठवाँ दिन

धर्म और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, पूज्य महंत साध्वी शालिनी नन्द जी महाराज की ‘सात धूणा तपस्या’ आज अपने छठवें दिन में प्रवेश कर चुकी है। यह पवित्र तपस्या न केवल श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि मानवता, धर्म और आत्मिक चेतना के उत्थान का एक जीवंत प्रतीक भी बन गई है।

धर्म / May 29, 2025
महंत साध्वी शालिनीनंद जी महाराज: गुरु वंदना और राम नाम की महिमा का बखान

महंत साध्वी शालिनीनंद जी महाराज ने कहा कि जीवन में किसी भी कार्य, समारोह या प्रसंग की शुरुआत से पहले गुरु की वंदना अनिवार्य है। गुरु वह प्रकाशपुंज है जो अज्ञान के अंधेरे को दूर कर मनुष्य को सत्य और ज्ञान का बोध कराता है। उन्होंने भगवान शंकर को परम गुरु के रूप में स्वीकार करते हुए कहा कि शास्त्रों में भगवान शंकर को आदि गुरु माना गया है, जो समस्त सृष्टि को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

धर्म / May 23, 2025
महंत साध्वी शालिनीनन्द जी महाराज की ‘सात धूणा तपस्या’ का शुभारंभ, भव्य कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ आयोजन

धर्मनिष्ठ ग्रामवासियों और श्रद्धालुजनों के लिए एक आध्यात्मिक पर्व का आरंभ हुआ है। पूज्य महंत साध्वी शालिनीनन्द जी महाराज के सान्निध्य में ‘सात धूणा तपस्या’ जैसे दुर्लभ अनुष्ठान का आयोजन किया गया है, जिसका उद्घाटन आज एक भव्य कलश यात्रा के माध्यम से हुआ।

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