खड़गे ने अपने संबोधन में कहा, "हमारी विचारधारा देश को एकजुट करने और लोकतंत्र को मजबूत करने की है, लेकिन इसके लिए सत्ता जरूरी है। 2024 के लोकसभा चुनाव में हमें करीब 100 सीटें मिलीं। अगर हमने थोड़ी और मेहनत की होती, तो 20-30 सीटें और जीत सकते थे। इतनी सीटों के साथ हम इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बना सकते थे।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसी स्थिति में संविधान, लोकतंत्र और स्वतंत्र संस्थाओं पर हो रहे हमलों को रोका जा सकता था।
कांग्रेस अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए कहा, "हमारा 'संविधान बचाओ' अभियान बीजेपी और आरएसएस की संविधान बदलने की मंशा को उजागर करने में सफल रहा। आज बीजेपी के पास बहुमत नहीं है और वह दो सहयोगी दलों पर निर्भर है। जो प्रधानमंत्री 400 सीटें जीतने का दावा कर रहे थे, उन्हें हमने करारा झटका दिया।" खड़गे ने कार्यकर्ताओं से संगठन को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर सक्रियता बढ़ाने की अपील की।
उन्होंने जिला अध्यक्षों को संबोधित करते हुए कहा, "आप सिर्फ संदेशवाहक नहीं, बल्कि कांग्रेस के 'जनरल' हैं। आप जमीनी स्तर पर पार्टी का नेतृत्व करते हैं। आपकी राय हमारी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है।" खड़गे ने यह भी बताया कि महाराष्ट्र जैसे राज्यों में वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों की शिकायतें बढ़ रही हैं, जिसके लिए कांग्रेस ने 'ईगल' टीम बनाई है जो चुनाव आयोग की गतिविधियों पर नजर रख रही है।
इस बैठक में खड़गे ने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर काम करने और भविष्य के चुनावों के लिए अभी से तैयारी शुरू करने को कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस की लड़ाई संसद के अंदर और बाहर, दोनों जगह बीजेपी और आरएसएस से है। "हमें अब इस लड़ाई को सड़कों तक ले जाना होगा," उन्होंने कहा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि खड़गे का यह बयान कांग्रेस के भीतर आत्ममंथन और रणनीति में बदलाव का संकेत देता है। लोकसभा चुनाव 2024 में इंडिया गठबंधन ने बीजेपी नीत एनडीए को कड़ी टक्कर दी थी, जिसके चलते एनडीए को 293 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 99 सीटें हासिल हुईं। खड़गे का दावा है कि अगर कांग्रेस को 119-129 सीटें मिल जातीं, तो छोटे दलों या एनडीए के असंतुष्ट सहयोगियों का समर्थन लेकर सरकार बनाना संभव हो सकता था।
बीजेपी ने खड़गे के इस बयान पर पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "कांग्रेस सपनों की दुनिया में जी रही है। जनता ने उन्हें नकार दिया है और वे अब भी सत्ता की कल्पना कर रहे हैं।" वहीं, कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि खड़गे का यह बयान कार्यकर्ताओं में जोश भरने और भविष्य की रणनीति को मजबूत करने का प्रयास है।