कर्नाटक के आलंद में पकड़ा गया हेरफेर:
राहुल गांधी ने कर्नाटक के आलंद निर्वाचन क्षेत्र का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां 68 मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए। यह खुलासा तब हुआ जब एक बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) ने देखा कि उनके रिश्तेदार का वोट हटा दिया गया। जांच में पता चला कि पड़ोसी के नाम पर यह हेरफेर हुआ, लेकिन पड़ोसी को इसकी कोई जानकारी नहीं थी। राहुल ने दावा किया कि यह हेरफेर सॉफ्टवेयर के जरिए स्वचालित रूप से किया गया, जिसमें कर्नाटक के बाहर के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल हुआ।
उन्होंने कहा, "यह कोई संयोग नहीं है। यह एक सुनियोजित साजिश है। कांग्रेस के मजबूत बूथों को निशाना बनाया गया, जहां 2018 के चुनाव में हमने जीत हासिल की थी।"
महाराष्ट्र में भी उसी तरह की गड़बड़ी:
राहुल ने महाराष्ट्र के रजोरा का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां 6,850 मतदाताओं को सूची में जोड़ा गया, लेकिन जिन लोगों के नाम पर यह किया गया, उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में एक ही सिस्टम काम कर रहा है, जिसमें एक ही तरह के नाम और पते बार-बार इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप:
राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सीआईडी ने 18 महीनों में 18 बार चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हेरफेर से जुड़ी जानकारी मांगी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सीआईडी ने आईपी एड्रेस, डिवाइस डिटेल्स और ओटीपी ट्रेल्स की मांग की थी, जो अब तक नहीं दी गई। राहुल ने इसे सबूत बताते हुए कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त उन लोगों की रक्षा कर रहे हैं, जो लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
"यह हाइड्रोजन बम नहीं, लेकिन वह भी आएगा":
राहुल ने कहा कि यह खुलासा अभी शुरुआत है और जल्द ही और बड़े सबूत सामने लाए जाएंगे, जिन्हें उन्होंने "हाइड्रोजन बम" करार दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह बिना पुख्ता सबूत के कोई बात नहीं कह रहे। "मैं अपने देश और संविधान से प्यार करता हूं। मैं लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह सबूत जनता के सामने रख रहा हूं," उन्होंने कहा।
राहुल गांधी ने देश के युवाओं से अपील की:
कि वे इस साजिश को समझें और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा, "आपका भविष्य, आपकी नौकरियां, आपकी आकांक्षाएं सब इस संविधान और लोकतंत्र पर निर्भर हैं। अगर इसे चोरी किया गया, तो आपका भविष्य खतरे में है।"
राहुल ने मांग की:
कि चुनाव आयोग एक हफ्ते के अंदर कर्नाटक सीआईडी को सभी जरूरी जानकारी उपलब्ध कराए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो देश की जनता और युवा यह मानेंगे कि मुख्य चुनाव आयुक्त संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ काम कर रहे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए
राहुल ने कहा कि यह साजिश सिर्फ कर्नाटक या महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार जैसे राज्यों में भी हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव आयोग के अंदर से कुछ लोग अब इस साजिश के खिलाफ जानकारी देने लगे हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "मेरा काम सच्चाई को जनता के सामने लाना है। बाकी काम संस्थानों का है। अगर वे नहीं करेंगे, तो जनता और युवा इस लोकतंत्र को बचाएंगे।"
राहुल गांधी ने संकेत दिया कि वह इस मुद्दे को कोर्ट तक ले जा सकते हैं, लेकिन उनकी प्राथमिकता जनता को जागरूक करना है। उन्होंने कहा, "यह सिस्टम 10-15 साल से चल रहा है। यह लोकतंत्र का अपहरण है। इसे रोकने की जिम्मेदारी जनता की है।"
राहुल गांधी ने अपने खुलासे में मतदाता सूची में हेरफेर को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया और इसे रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने देश के युवाओं से इस मुहिम में शामिल होने की अपील की और कहा कि वह जल्द ही और बड़े सबूत सामने लाएंगे।