कार्यक्रम का उद्घाटन RAV के शासी निकाय के अध्यक्ष, पद्मश्री एवं पद्मभूषण से सम्मानित वैद्य श्री देवेंद्र त्रिगुणा ने किया। इस अवसर पर AIIA के डीन डॉ. महेश व्यास भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
अपने उद्घाटन भाषण में वैद्य त्रिगुणा ने आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली में आयुर्वेद की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि “आज के समय में जब स्वास्थ्य चुनौतियां तेजी से बदल रही हैं, पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान को आधुनिक चिकित्सा से जोड़कर आगे बढ़ाना समय की मांग है।” उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए उपलब्ध संभावनाओं का उल्लेख करते हुए, नैदानिक दक्षता बढ़ाने में ऐसे प्रशिक्षण शिविरों को महत्वपूर्ण बताया।
प्रशिक्षण सत्रों का संचालन क्षेत्र के विख्यात विशेषज्ञों ने किया, जिनमें शामिल रहे —
_CRAव गुरु डॉ. सी. सुरेश कुमार,
_डॉ. एन. वी. श्रीवथ,
_NIA जयपुर के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. पी. हेमंत कुमार,
_AIIA के पंचकर्म विभागाध्यक्ष डॉ. आनंदराम शर्मा।
पहले दिन के सत्रों में प्रतिभागियों को अस्थि मर्म चिकित्सा के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं की गहन जानकारी दी गई। सैद्धांतिक शिक्षा को सीधे नैदानिक अनुप्रयोगों से जोड़ते हुए संवादात्मक शैली में प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य आयुर्वेद में साक्ष्य-आधारित चिकित्सा को बढ़ावा देना और समग्र स्वास्थ्य सेवा में आयुर्वेद की भूमिका को और अधिक प्रभावशाली बनाना है। प्रतिभागियों को इस प्रशिक्षण से उन्नत कौशल प्राप्त होने की उम्मीद है, जिससे वे अपने चिकित्सकीय अभ्यास को और प्रभावशाली बना सकें।