चिनाब ब्रिज: इंजीनियरिंग का चमत्कार:
चिनाब ब्रिज, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी के ऊपर 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह पुल 1,315 मीटर लंबा है और इसका मुख्य आर्च 467 मीटर तक फैला हुआ है। यह एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है और भारतीय रेलवे की इंजीनियरिंग का एक शानदार नमूना है। इस ब्रिज का निर्माण 37,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार USBRL परियोजना का हिस्सा है, जिसमें 943 पुल और 36 प्रमुख सुरंगें शामिल हैं। इस परियोजना का सबसे लंबा सुरंग टी-50, जो 12.7 किलोमीटर लंबा है, भी इसी रूट पर है।
कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस:
कटरा से श्रीनगर के बीच शुरू होने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन कश्मीर घाटी में रेल कनेक्टिविटी की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह ट्रेन शुरुआत में कटरा से श्रीनगर/बारामुल्ला तक चलेगी, क्योंकि जम्मू रेलवे स्टेशन पर नवीनीकरण का काम चल रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, अगस्त 2025 तक जम्मू स्टेशन का काम पूरा होने के बाद यह ट्रेन जम्मू से श्रीनगर तक संचालित होगी। यह ट्रेन 272 किलोमीटर के इस रूट को महज 3 घंटे में पूरा करेगी, जो सड़क मार्ग से 6-7 घंटे की तुलना में काफी कम है।
वंदे भारत एक्सप्रेस को कश्मीर की कठिन जलवायु के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया है। इसमें एंटी-फ्रीजिंग तकनीक, उन्नत हीटिंग सिस्टम, और शीतकाल में दृश्यता के लिए डीफ्रॉस्टिंग विंडशील्ड जैसे फीचर्स शामिल हैं। यह ट्रेन माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में भी सुचारू रूप से काम कर सकती है। ट्रेन में 16 कोच होंगे, जिसमें 1,128 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी। इसमें ऑटोमैटिक दरवाजे, बायो-वैक्यूम शौचालय, और केएवीएसीएच एंटी-कोलिजन सिस्टम जैसे आधुनिक फीचर्स भी होंगे।
PM मोदी का कार्यक्रम:
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 अप्रैल को उधमपुर पहुंचेंगे। सबसे पहले वे चिनाब ब्रिज का निरीक्षण और उद्घाटन करेंगे। इसके बाद कटरा रेलवे स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे।" पीएम के इस दौरे में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अन्य बड़े नेता मौजूद रहेंगे। उद्घाटन के बाद पीएम कटरा में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
कश्मीर के लिए ऐतिहासिक कदम:
यह रेल लिंक कश्मीर घाटी को साल भर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जो पहले सड़क मार्ग पर बर्फबारी के कारण बाधित हो जाती थी। अधिकारियों का कहना है कि यह ट्रेन पर्यटन, व्यापार, और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाएगी। USBRL परियोजना की शुरुआत 1997 में हुई थी, लेकिन भूगर्भीय और मौसमी चुनौतियों के कारण इसमें कई बार देरी हुई। अब इस परियोजना के पूरा होने से जम्मू-कश्मीर के लोगों का लंबे समय से चला आ रहा सपना सच होने जा रहा है।
सुरक्षा और ट्रायल:
रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) ने जनवरी में कटरा-बारामुल्ला रूट पर ट्रेन संचालन को मंजूरी दी थी। 24-25 जनवरी को हुए ट्रायल रन में ट्रेन ने 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर किया, हालांकि इसे अधिकतम 85 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाने की अनुमति दी गई है। ट्रायल के दौरान ट्रेन ने चिनाब ब्रिज और अंजी खाद ब्रिज जैसे इंजीनियरिंग चमत्कारों को पार किया।
लोगों में उत्साह:
इस उद्घाटन से पहले ही जम्मू-कश्मीर में उत्साह का माहौल है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह ट्रेन न केवल यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी। पर्यटकों के लिए भी यह एक नया अनुभव होगा, जो कश्मीर की खूबसूरती को ट्रेन की खिड़की से देख सकेंगे।