केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पर्यावरण कार्यकर्ता और इंजीनियर सोनम वांगचुक के संगठन स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीएमओएल) का विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह कार्रवाई लेह में हाल ही में हुई हिंसा के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराए जाने के एक दिन बाद हुई है। वांगचुक ने इस कदम को सरकार द्वारा खुद को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।
लद्दाख पुलिस ने जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी लेह में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दो दिन बाद हुई, जिसमें सुरक्षा बलों की कथित गोलीबारी से चार नागरिकों की मौत हो गई और 80 से अधिक लोग घायल हुए।
पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और लेह एपेक्स बॉडी ने बुधवार को लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर 35 दिन के अनशन की घोषणा की।
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) के नेता तीन दिन की भूख हड़ताल पर हैं। इस आंदोलन में जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भी शामिल हुए हैं। गिरफ्तारी की अफवाहों के बावजूद वांगचुक ने कहा कि जेल जाना उनके लिए सम्मान की बात होगी और वे महात्मा गांधी के रास्ते पर चल रहे हैं।