रिपोर्ट्स के अनुसार, इन प्रदर्शनों में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा, हालांकि वे कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में पद पर बने हुए हैं।
नेपाली सेना ने बताया कि बुधवार शाम 5 बजे तक निषेधाज्ञा लागू रहेगी, जिसके बाद गुरुवार सुबह 6 बजे से देशव्यापी कर्फ्यू शुरू होगा। यह प्रतिबंध अगली सूचना तक जारी रहेगा और स्थिति के आधार पर इसकी समीक्षा की जाएगी।
सेना ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि जिन लोगों ने हिंसा के दौरान हथियार, गोला-बारूद या अन्य उपकरण लूटे हैं, वे उन्हें तुरंत निकटतम सुरक्षा एजेंसी को सौंप दें। साथ ही, नागरिकों से बिना अनुमति के सुरक्षा बलों की वर्दी न पहनने को कहा गया है।
सेना ने प्रदर्शनों के दौरान हुई जान-माल की हानि पर दुख जताया और चेतावनी दी कि कुछ ‘अराजक तत्व’ प्रदर्शनों में घुसपैठ कर आगजनी, लूटपाट, तोड़फोड़, हिंसक हमले और यौन हिंसा की कोशिश कर रहे हैं। सेना ने कहा, “ऐसे आपराधिक कृत्यों को गंभीर अपराध माना जाएगा और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
कर्फ्यू के दौरान एम्बुलेंस, शव वाहन, दमकल गाड़ियां, स्वास्थ्यकर्मियों और सुरक्षा बलों के वाहनों को आवाजाही की अनुमति होगी। आपात स्थिति में नागरिकों से निकटतम सुरक्षा अधिकारियों से संपर्क करने को कहा गया है।
सेना ने जनता से केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करने और अफवाहों से बचने की अपील की है। साथ ही, राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय मूल्यों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई है।
मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू में सुप्रीम कोर्ट, मंत्रियों के आवास, प्रधानमंत्री के निजी आवास और संसद भवन सहित कई सरकारी इमारतों में आग लगा दी। संसद का मुख्य हॉल पूरी तरह जलकर खाक हो गया। सड़कों पर जले हुए वाहनों के ढेर बिखरे पड़े हैं। हिंसा के कारण काठमांडू हवाई अड्डा भी बुधवार शाम तक बंद रहा, जिससे उड़ानें बाधित हुईं।
नेपाली सेना ने देश में रह रहे विदेशी नागरिकों से निकटतम सुरक्षा कार्यालय से संपर्क करने को कहा है, अगर उन्हें निकासी या अन्य सहायता की जरूरत हो। होटलों और पर्यटन से जुड़े संस्थानों से भी सहायता में समन्वय करने का अनुरोध किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संकट को हल करने के लिए अधिकारियों और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत की तैयारी चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बलराम केसी ने प्रदर्शनकारियों से वार्ता के लिए एक दल बनाने और संसद भंग कर नए चुनाव कराने की मांग की है।
नेपाल की स्थिति पर भारत की सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने मंगलवार देर रात बैठक की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक एक्स पोस्ट में कहा, “नेपाल की शांति और स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण है। मैं वहां के सभी लोगों से शांति और व्यवस्था बनाए रखने की अपील करता हूं।”
यह अशांति सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जैसे फेसबुक और एक्स, पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के विरोध में शुरू हुई थी। यह जल्द ही भ्रष्टाचार के खिलाफ और पारदर्शिता की मांग में बदल गई। मुख्य रूप से जेन-जेड कार्यकर्ताओं और युवाओं ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया।