सोनीपत में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल, राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी समेत विभिन्न राज्यों के शहरी विकास मंत्री, महापौर, नगर निगम आयुक्त और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान 72 संरक्षक शहरों और लगभग 200 प्रशिक्षु शहरों के बीच आधिकारिक रूप से भागीदारी स्थापित की गई।
क्या है "स्वच्छ शहर जोड़ी" पहल?
स्वच्छ भारत मिशन - शहरी (SBM-U) के अंतर्गत प्रारंभ की गई यह पहल एक समयबद्ध एवं व्यवस्थित परामर्श ढांचा है। इसके तहत स्वच्छता सर्वेक्षण में उच्च प्रदर्शन करने वाले शहरों को "संरक्षक" के रूप में चिन्हित किया गया है, जबकि अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन वाले शहरों को "प्रशिक्षु" के रूप में चयनित कर उनसे जोड़ा गया है। इसका मकसद प्रशिक्षु शहरों को संरक्षक शहरों के अनुभवों और सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों से सीखने का अवसर देना है।
केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,
"स्वच्छ भारत मिशन सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह एक समूहिक चेतना का प्रतीक है। इस पहल के माध्यम से हम चाहते हैं कि कोई भी शहर पीछे न छूटे। सभी शहर मिलकर स्वच्छता के क्षेत्र में सामूहिक प्रगति करें।"
"सुपर स्वच्छ लीग" से प्रेरणा
गौरतलब है कि हाल ही में शुरू की गई ‘सुपर स्वच्छ लीग’ ने इस पहल को नई दिशा दी है। इसमें 2022, 2023 और 2024 में शीर्ष रैंक प्राप्त करने वाले शहरों को उनकी जनसंख्या श्रेणियों के आधार पर संरक्षक शहरों के रूप में नामित किया गया है। वहीं, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पिछली रैंकिंग में नीचे रहे शहरों को प्रशिक्षु शहर के तौर पर चयनित किया गया।
100 दिवसीय कार्य योजना की शुरुआत
SSJ पहल के तहत आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने 100-दिवसीय एक्शन प्लान भी लॉन्च किया है, जिसमें प्रत्येक संरक्षक-प्रशिक्षु जोड़ी को साझा कार्य योजनाएं बनानी होंगी। इन योजनाओं का उद्देश्य शहरी स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन, नागरिक सहभागिता और प्रशासनिक दक्षता जैसे क्षेत्रों में ठोस सुधार लाना है।
वर्चुअली जुड़े मंत्रालय के सचिव श्री एस. कटिकिथला ने कहा:
“यह पहल केवल एक ज्ञान-साझाकरण मंच नहीं, बल्कि यह परिवर्तन की प्रक्रिया को संस्थागत रूप देने का प्रयास है।”
नीतिगत सहयोग और मूल्यांकन
मंत्रालय ने 26 अगस्त, 2025 को SSJ पहल से संबंधित दिशानिर्देशों को औपचारिक रूप से जारी किया, जिसमें संरक्षक और प्रशिक्षु शहरों की जोड़ी को अंतिम रूप दिया गया। इस पहल को मंत्रालय की क्षमता निर्माण योजनाओं से समर्थन प्राप्त है और इसका मूल्यांकन आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण 2026 में किया जाएगा।