बुधवार को नई दिल्ली में विदेश सचिव विक्रम मिश्री, कर्नल सोफिया कुरैशी, और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी दी। इस ब्रीफिंग को विदेश मंत्रालय ने अपने यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारित किया, जिसे द वायर, पीटीआई, और न्यूज़18 जैसे विश्वसनीय स्रोतों ने कवर किया।
विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने ऑपरेशन को न्यायसंगत ठहराते हुए कहा, “पहलगाम हमले के अपराधियों और उनके योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाना आवश्यक था। हमले के दो सप्ताह बाद भी पाकिस्तान ने अपने क्षेत्र या PoK में आतंकी ढांचे के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसके बजाय, वह इनकार और आरोपों में उलझा रहा। हमारी खुफिया जानकारी ने संकेत दिया कि भारत के खिलाफ और हमले हो सकते हैं। ऐसे में, इन हमलों को रोकना और उनका जवाब देना अनिवार्य था।”
मिश्री ने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर “सीमित, अनुपातिक, और जिम्मेदारीपूर्ण” था। उन्होंने कहा, “यह कार्रवाई आतंकी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और भारत में भेजे जाने वाले आतंकवादियों को अक्षम करने पर केंद्रित थी। हमने यह सुनिश्चित किया कि नागरिकों और असैन्य सुविधाओं को कोई नुकसान न पहुंचे।”
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 25 अप्रैल के प्रेस वक्तव्य का हवाला दिया, जिसमें पहलगाम हमले के अपराधियों, आयोजकों, और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने की बात कही गई थी। मिश्री ने कहा, “भारत की यह कार्रवाई उसी संदर्भ में देखी जानी चाहिए।”
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के तकनीकी और रणनीतिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। कुरैशी ने बताया, “ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना ने त्रि-सेवा समन्वय के साथ नौ आतंकी ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। इन ठिकानों का चयन विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया कि कोई नागरिक हताहत न हो।”
विंग कमांडर सिंह ने बताया कि ऑपरेशन में अत्याधुनिक तकनीक और सटीक हथियारों का उपयोग किया गया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य आतंकी प्रशिक्षण शिविरों, हथियार डिपो, और कमांड सेंटरों को नष्ट करना था। यह पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने का प्रयास था।”
भारत ने जिन नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, उनकी सूची इस प्रकार है, जैसा कि द वायर और न्यूज़18 ने रिपोर्ट किया:
बहावलपुर: मरकज़ सुब्हान अल्लाह (जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध)।
मुरीदके: मरकज़ तैयबा (लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय)।
तहरा कलां: सरजाल (जैश-ए-मोहम्मद का ठिकाना)।
सियालकोट: महमूना जोया (हिजबुल मुजाहिदीन से संबद्ध)।
बरनाला: मरकज़ अहले हदीस (लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध)।
कोटली: मरकज़ अब्बास (जैश-ए-मोहम्मद) और मस्कर रहील शाहिद (हिजबुल मुजाहिदीन)।
मुजफ्फराबाद: शवई नाला कैंप (लश्कर-ए-तैयबा) और सैयदना बिलाल कैंप (जैश-ए-मोहम्मद)।
इन ठिकानों को वैश्विक रूप से प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण केंद्रों और हथियार भंडारों के रूप में पहचाना गया था। द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने इन ठिकानों को नष्ट करने के लिए सटीक हवाई हमले और ड्रोन तकनीक का उपयोग किया, जिससे नागरिक क्षेत्रों को बचाया गया।
पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन करार दिया है। रॉयटर्स के अनुसार, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारत की कार्रवाई को “आक्रामक” बताया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारतीय जेट विमानों को मार गिराया, लेकिन इस दावे की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है। द वायर ने नोट किया कि पाकिस्तान ने ऑपरेशन के बाद संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर भारत के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की योजना बनाई है।
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, और अन्य देशों ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, “हम दोनों पक्षों से नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने और कूटनीति के रास्ते अपनाने का आग्रह करते हैं।” संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने भी दोनों देशों से तनाव कम करने की मांग की।
ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई थी, जिसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों ने अंजाम दिया था। द वायर के अनुसार, इस हमले ने जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति की बहाली को बाधित करने की कोशिश की थी। भारत ने इसे आतंकवाद के खिलाफ अपनी कठोर नीति का हिस्सा बताया है।
भारत और पाकिस्तान दोनों के दृष्टिकोण को शामिल किया गया है। भारत इसे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई बता रहा है, जबकि पाकिस्तान इसे उल्लंघन करार दे रहा है। स्वतंत्र सत्यापन की कमी को रेखांकित किया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और रणनीतिक कार्रवाई का प्रतीक है। सरकार ने इसे सीमित और नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने वाली कार्रवाई बताया है। हालांकि, पाकिस्तान की जवाबी प्रतिक्रिया और क्षेत्र में बढ़ते तनाव ने स्थिति को जटिल बना दिया है। जैसे-जैसे घटनाक्रम सामने आ रहा है, भारत और दुनिया की निगाहें इस संकट के समाधान और क्षेत्रीय शांति पर टिकी हैं।