इस अवसर पर श्री चौहान ने ‘मखाना संस्कृति से समृद्धि’ रिपोर्ट का विमोचन करते हुए मखाने को “गरीबों के लिए अद्भुत वरदान” बताया। उन्होंने कहा कि “बिहार आज मखाना उत्पादन में न केवल देश, बल्कि दुनिया के लिए भी एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।”
श्री चौहान ने बिहार में तेजी से हो रहे विकास की सराहना करते हुए कहा,
“बिहार में बदरा बरस रहा है और विकास की भी बरसात हो रही है। आज विकसित भारत का सूरज बिहार के भाग्य पर चमक रहा है।”
मखाना उत्पादन को मिलेगी नई उड़ान
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि अब तक जहां मखाना उत्पादन मात्र 3,000 हेक्टेयर में होता था, वहीं अब यह क्षेत्रफल बढ़कर 35,000 से 40,000 हेक्टेयर तक पहुँच चुका है। उन्होंने बताया कि मखाना किसानों को सशक्त करने के लिए 475 करोड़ रुपये की योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनका उपयोग मॉडर्न प्रोसेसिंग यूनिट्स, मशीनरी और नई किस्मों के विकास में किया जाएगा।
श्री चौहान ने यह भी ऐलान किया कि केंद्र सरकार ने ‘मखाना बोर्ड’ के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है, जो इस क्षेत्र में अनुसंधान, ब्रांडिंग, मार्केटिंग और वैश्विक प्रोमोशन की दिशा में कार्य करेगा।
MSP पर खरीदी का भरोसा, युवाओं के लिए स्टार्टअप्स का आह्वान
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए कहा कि मसूर, उड़द, अरहर जैसे दालों की पूरी उपज सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी।
इसके साथ ही उन्होंने बिहार के युवाओं से मखाना क्षेत्र में स्टार्टअप्स शुरू करने का आह्वान किया।
“हमारा सपना है कि मखाना भारत ही नहीं, पूरी दुनिया की डाइनिंग टेबल पर पहुँचे,”
उन्होंने कहा “केंद्र सरकार स्टार्टअप्स को हरसंभव सहायता देगी।”