यह पहल भारत के यूपीआई और यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) के इंटरकनेक्शन प्लेटफॉर्म के बीच तकनीकी एकीकरण के रूप में शुरू की गई है, जिसे भारतीय डाक विभाग, एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) और यूपीयू ने मिलकर विकसित किया है।
श्री सिंधिया ने इस अवसर को "सिर्फ तकनीकी लॉन्च नहीं, बल्कि एक सामाजिक करार" बताते हुए कहा,
"डाक नेटवर्क की विश्वसनीयता और यूपीआई की गति का मेल दुनिया भर में फैले प्रवासी परिवारों को बेहद कम लागत में, तेज़ और सुरक्षित मनी ट्रांसफर की सुविधा देगा।"
भारत देगा 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर की वैश्विक सहायता
ग्लोबल पोस्टल समिट के दौरान श्री सिंधिया ने घोषणा की कि भारत, डाक क्षेत्र में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने और डिजिटल भुगतान को सशक्त बनाने के लिए 10 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता प्रदान करेगा। यह राशि विशेष रूप से ई-कॉमर्स, डिजिटल ट्रांजेक्शन और तकनीकी साझेदारी पर केंद्रित होगी।
भारत ने यूपीयू की दो प्रमुख परिषदों में दावेदारी की घोषणा की
भारत ने यूपीयू की प्रशासनिक परिषद और डाक संचालन परिषद में अपनी दावेदारी का औपचारिक ऐलान भी किया। यह कदम वैश्विक डाक तंत्र में भारत की बढ़ती भागीदारी और नेतृत्व की दिशा में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
डिजिटल इंडिया की वैश्विक पेशकश: भारतीय डाक की ताकत
अपने संबोधन में श्री सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विज़न का उल्लेख करते हुए बताया कि भारतीय डाक, जनधन, आधार और डाक भुगतान बैंक के ज़रिए अब तक 56 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोल चुका है, जिनमें से अधिकांश महिलाओं के नाम पर हैं।
उन्होंने बताया कि
"पिछले साल भारतीय डाक ने 90 करोड़ से ज़्यादा पत्र और पार्सल वितरित किए। यह समावेशन और पहुंच का वह व्यापक दृष्टिकोण है जिसे भारत वैश्विक मंच पर लेकर आया है।"
भविष्य की रणनीति: चार स्तंभों पर आधारित भारत का दृष्टिकोण
_डाक क्षेत्र के आधुनिकीकरण और समावेशन के लिए भारत का विज़न चार प्रमुख पहलुओं पर केंद्रित है:
_डेटा-संचालित लॉजिस्टिक्स से वैश्विक कनेक्टिविटी
_हर प्रवासी और उद्यम के लिए सस्ती डिजिटल वित्तीय सेवाएं
_AI, डिजीपिन और मशीन लर्निंग आधारित आधुनिकीकरण
_यूपीयू तकनीकी सेल के ज़रिए दक्षिण-दक्षिण सहयोग
_भारत साझेदारी लेकर आया है, प्रस्ताव नहीं
_अपने भाषण के समापन में श्री सिंधिया ने कहा,
"भारत आपके पास प्रस्तावों के साथ नहीं, बल्कि साझेदारी के साथ आता है। हम ऐसे समाधान लेकर आते हैं जो महंगे विखंडन से बचाते हैं और वैश्विक वाणिज्य को निर्बाध बनाते हैं – भुगतान, पहचान, पते और लॉजिस्टिक्स के एकीकृत दृष्टिकोण के साथ।"