यात्रा के दौरान एडमिरल त्रिपाठी श्रीलंका की प्रधानमंत्री डॉ. हरिनी अमरसूर्या से शिष्टाचार मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वह श्रीलंकाई नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल कंचना बानागोड़ा समेत तीनों सेनाओं के प्रमुखों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इन बैठकों में समुद्री सुरक्षा, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और परस्पर सहयोग जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।
नौसेना प्रमुख कोलंबो में आयोजित होने वाले "गैल डायलॉग 2025" के 12वें संस्करण में भी भाग लेंगे, जिसका विषय है – 'बदलते हालात में हिंद महासागर की समुद्री दृष्टि'। यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर संवाद का एक अहम मंच है।
भारतीय नौसेना और श्रीलंकाई नौसेना के बीच लंबे समय से बहुआयामी सहयोग कायम है। दोनों देशों की नौसेनाएं नियमित रूप से संयुक्त अभ्यास, पैसेज एक्सरसाइज़, प्रशिक्षण आदान-प्रदान और हाइड्रोग्राफी जैसी गतिविधियों में भाग लेती रही हैं। साथ ही वे 'हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी', 'गैल डायलॉग', 'मिलन', 'गोवा समुद्री संगोष्ठी' और 'कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन' जैसे बहुपक्षीय आयोजनों में भी नियमित रूप से भागीदारी करती हैं।
यह यात्रा न केवल दोनों नौसेनाओं के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाती है, बल्कि भारत और श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक ठोस प्रयास भी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की उच्च स्तरीय यात्राएं हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सामूहिक समुद्री सुरक्षा के साझा दृष्टिकोण को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाती हैं।