नेतन्याहू ने अपने बयान में कहा, "हमास को अपने हथियार डालने होंगे। इसके बाद इसके नेता गाजा छोड़ सकते हैं। हम गाजा पट्टी में सामान्य सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और वहां एक नई व्यवस्था लागू करेंगे।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि इजरायल की सेना हमास पर दबाव बढ़ाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है, ताकि गाजा में बंधक बनाए गए लोगों को रिहा कराया जा सके। नेतन्याहू ने दावा किया कि यह रणनीति काम कर रही है और हमास के भीतर दरारें दिखने लगी हैं।
हमास का जवाब और तनाव:
हमास ने नेतन्याहू के इस बयान का कड़ा विरोध किया है। संगठन के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि वे किसी भी हालत में हथियार नहीं डालेंगे और इजरायल की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। हमास का कहना है कि वह गाजा में अपने लोगों की रक्षा और प्रतिरोध जारी रखेगा। इसके साथ ही, संगठन ने इजरायल पर आरोप लगाया कि वह बंधकों की रिहाई के लिए गंभीर बातचीत करने के बजाय सैन्य कार्रवाई को प्राथमिकता दे रहा है। हमास ने यह भी दावा किया कि उसने हाल ही में पांच बंधकों को रिहा करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे इजरायल ने ठुकरा दिया।
गाजा में फिर शुरू हुआ संघर्ष:
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब गाजा में दो महीने की अस्थायी शांति के बाद इजरायल ने फिर से सैन्य अभियान शुरू कर दिया है। पिछले हफ्ते से इजरायल की सेना ने गाजा पट्टी में हवाई हमले और जमीनी कार्रवाई तेज कर दी है। इन हमलों में कई हमास कमांडरों को निशाना बनाया गया है, लेकिन इसमें आम नागरिकों की भी जान गई है। गाजा में अब तक 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
इजरायल का कहना है कि उसका लक्ष्य हमास को पूरी तरह खत्म करना और बंधकों को सुरक्षित वापस लाना है। 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद शुरू हुए इस युद्ध में 251 लोग बंधक बनाए गए थे, जिनमें से 58 अभी भी गाजा में हैं। इनमें से 34 के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है।
इजरायल में बढ़ता दबाव:
नेतन्याहू पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ रहा है। इजरायल में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं, जो बंधकों की रिहाई के लिए तत्काल समझौते की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह सैन्य कार्रवाई को प्राथमिकता दे रही है, जिससे बंधकों की जान खतरे में पड़ रही है। दूसरी ओर, नेतन्याहू के दक्षिणपंथी गठबंधन सहयोगी युद्ध को जारी रखने और हमास को कुचलने की वकालत कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता जारी:
मिस्र, कतर और अमेरिका जैसे देश गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं। हाल ही में हमास ने 50 दिन के युद्धविराम के बदले पांच बंधकों को छोड़ने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इजरायल ने इसे स्वीकार नहीं किया। नेतन्याहू ने कहा कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन यह "आग के बीच" होगी, यानी सैन्य दबाव जारी रहेगा।
आगे क्या?:
गाजा में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। इजरायल की सेना ने संकेत दिए हैं कि वह अपने अभियान को और विस्तार दे सकती है। नेतन्याहू ने यह भी कहा कि अगर हमास हथियार नहीं डालता, तो गाजा के कुछ हिस्सों पर कब्जा किया जा सकता है। दूसरी ओर, हमास का कहना है कि वह आखिरी सांस तक लड़ेगा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय युद्धविराम की अपील कर रहा है, ताकि मानवीय संकट को रोका जा सके।
यह टकराव अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। क्या हमास नेतन्याहू की शर्तें मानेगा, या इजरायल अपनी धमकी को अमल में लाएगा? आने वाले दिन इस सवाल का जवाब देंगे।