प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी ने अक्टूबर 2024 में कज़ान में हुई पिछली बैठक के बाद द्विपक्षीय संबंधों में आई सकारात्मक प्रगति का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने स्पष्ट किया कि भारत और चीन विकासशील साझेदार हैं, प्रतिस्पर्धी नहीं — और किसी भी मतभेद को विवाद में नहीं बदलने देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने की आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने कहा कि सीमाई स्थिरता ही द्विपक्षीय रिश्तों के सतत विकास की आधारशिला है। इस दौरान दोनों नेताओं ने सैन्य स्तर पर हुई सफल वापसी और इसके चलते बनी शांति की सराहना की, और भविष्य में भी इसी भावना से काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
सीमा विवादों के समाधान को लेकर एक "न्यायसंगत, तर्कसंगत और आपसी सहमति पर आधारित" दृष्टिकोण अपनाने पर सहमति बनी। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी ने विशेष प्रतिनिधियों की हालिया वार्ता में लिए गए निर्णयों को सकारात्मक बताया और उन्हें आगे समर्थन देने का वादा किया।
वार्ता के दौरान कैलाश मानसरोवर यात्रा को पुनः शुरू करने और वीज़ा प्रक्रियाओं में ढील देने पर ज़ोर दिया गया। दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क बढ़ाने हेतु सीधी उड़ानों और टूरिस्ट वीज़ा की बहाली को प्राथमिकता देने पर भी चर्चा हुई।
आर्थिक मोर्चे पर भी भारत-चीन ने साझा दृष्टिकोण अपनाया। दोनों नेताओं ने वैश्विक व्यापार में अपनी अर्थव्यवस्थाओं की स्थिरकारी भूमिका को स्वीकार किया और व्यापार घाटा कम करने की दिशा में ठोस रणनीति बनाने की आवश्यकता जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत-चीन संबंधों को किसी तीसरे देश के दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय मंचों पर आतंकवाद, निष्पक्ष व्यापार और अन्य वैश्विक चुनौतियों पर एकजुट रुख अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने SCO शिखर सम्मेलन की सफल अध्यक्षता के लिए चीन को शुभकामनाएं दीं और राष्ट्रपति शी को 2026 में भारत में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया। राष्ट्रपति शी ने इस निमंत्रण के लिए आभार जताया और भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता को चीन की ओर से पूरा समर्थन देने की बात कही।
इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति के सदस्य श्री कै की से भी मुलाक़ात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों को लेकर अपने विज़न को साझा किया और भरोसा जताया कि दोनों पक्ष मिलकर सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। श्री कै ने भी आपसी सहमति और सहयोग बढ़ाने की चीन की प्रतिबद्धता दोहराई।