राष्ट्रपति भवन ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर इस मुलाकात की पुष्टि करते हुए लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की और उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी।" इस मुलाकात को राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के प्रति प्रतिबद्धता के महत्वपूर्ण संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर: एक नजर :
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों की एक त्रि-सेवा कार्रवाई थी, जिसमें भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। न्यूज़18 और टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे वैश्विक रूप से प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के मुख्यालय और प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट किया गया।
विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने ऑपरेशन के बाद मीडिया को बताया कि पहलगाम हमले का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति की बहाली को बाधित करना था। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों, जैसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स, को गुमराह करने की कोशिश की है। साजिद मीर का मामला इसका स्पष्ट उदाहरण है, जहां उसे मृत घोषित किया गया और बाद में जीवित पाया गया।"
मुलाकात का महत्व:
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुर्मु की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी कठोर नीति को और मजबूत किया है। टाइम्स नाउ के अनुसार, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को ऑपरेशन की सफलता और इसके रणनीतिक महत्व के बारे में विस्तार से बताया। इस मुलाकात के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीमावर्ती राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पुलिस महानिदेशकों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की, जो क्षेत्रीय सुरक्षा को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक कदम है।
जनता और सरकार की प्रतिक्रिया :
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देशभर में जनता और सरकार के बीच एकजुटता देखी जा रही है। पहलगाम हमले में शहीद नौसेना लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने इस कार्रवाई को आतंकवादियों के लिए स्थायी चेतावनी बताया। इसी तरह, बेंगलुरु के भरत भूषण के परिवार, जो हमले में मारे गए थे, ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया।
सरकार ने विपक्ष को भी इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी देने के लिए 8 मई को सुबह 11 बजे संसद भवन में सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जैसा कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने X पर पोस्ट किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की यह मुलाकात न केवल ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को रेखांकित करती है, बल्कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति को भी दर्शाती है। यह कदम भारत के संवैधानिक और सैन्य नेतृत्व के बीच मजबूत समन्वय का प्रतीक है। जैसे-जैसे स्थिति विकसित हो रही है, देश की निगाहें सरकार के अगले कदमों पर टिकी हैं।