डाक विभाग अब ईएसआरआई इंडिया द्वारा प्रदत्त हाई-रिजॉल्यूशन इमेजरी और स्ट्रीट बेसमैप्स का उपयोग अपने डिजिपिन पोर्टल के लिए कर सकेगा। इसके माध्यम से डिजिपिन प्रणाली को ईएसआरआई के 'लिविंग एटलस पोर्टल' से जोड़ा जाएगा, जिससे यह जीआईएस समुदाय के लिए अधिक सुलभ और उपयोगी बन सकेगा।
MoU पर हुए हस्ताक्षर
नई दिल्ली स्थित डाक भवन में आयोजित एक औपचारिक कार्यक्रम में, दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह साझेदारी डिजिपिन के कार्यान्वयन में तकनीकी मजबूती प्रदान करेगी और इसे अधिक नागरिक-केंद्रित एवं उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाएगी।
क्या बोले अधिकारी?
इस अवसर पर डाक विभाग के सदस्य (संचालन) श्री हरप्रीत सिंह ने कहा:
“ईएसआरआई इंडिया के साथ यह सहयोग डिजिपिन पहल के विजन को मूर्त रूप देने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। ईएसआरआई के मानचित्रण समाधानों की मदद से अब नागरिकों को सटीक और सुलभ सेवाएं मिल सकेंगी।”
वहीं, ईएसआरआई इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री अगेंद्र कुमार ने इस साझेदारी पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा:
“हमें गर्व है कि हम इस ऐतिहासिक परियोजना में डाक विभाग के साथ भागीदार हैं। हमारा उद्देश्य है कि उन्नत जीआईएस तकनीक के माध्यम से डिजिपिन को एक मजबूत डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम बनाया जाए, जो भारत के डिजिटल परिवर्तन को गति देगा।”
क्या है डिजिपिन?
डिजिपिन, डाक विभाग की एक अभिनव डिजिटल पहल है जिसका मकसद नागरिकों को अत्यधिक सटीक डिजिटल पते उपलब्ध कराना है। यह सिस्टम डिलीवरी सेवाओं की दक्षता बढ़ाने, प्रशासनिक योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन, और आपातकालीन सेवाओं की तेज़ प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।