"इस्पात की तरह मजबूत है सेल की यात्रा"
अपने उद्घाटन भाषण में श्री प्रकाश ने कहा, "इस्पात को आधुनिक सभ्यता की रीढ़ माना जाता है – यह मजबूत, लचीला और टिकाऊ होता है। ठीक इसी तरह, सेल भी समय-समय पर चुनौतियों से जूझता रहा है और हर बार पहले से अधिक मजबूत होकर उभरा है।"
उन्होंने कहा कि भारत के विकास के मिशन में सेल सिर्फ एक दर्शक नहीं, बल्कि एक भागीदार की भूमिका निभा रहा है। "2047 के विकसित भारत के विज़न में सेल पूरी तरह से योगदान देने को तैयार है," उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा।
राष्ट्र निर्माण में सेल की अहम भूमिका
सेल प्रमुख ने बताया कि कंपनी ने रेलवे, रक्षा, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे जैसे विविध क्षेत्रों को उच्च गुणवत्ता का इस्पात प्रदान कर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, "सेल का इस्पात भारत की विकास गाथा के केंद्र में है।"
हरित तकनीक और डिजिटल बदलाव की ओर अग्रसर
राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 के अंतर्गत सेल ने अगली विकास यात्रा की शुरुआत कर दी है, जिसमें आने वाली परियोजनाएं हरित प्रौद्योगिकियों, कुशल लॉजिस्टिक्स और ग्राहक-केंद्रित समाधान पर आधारित होंगी। श्री प्रकाश ने बताया कि यह यात्रा तकनीक, डिजिटलीकरण, टिकाऊ विकास (Sustainability) और सबसे अहम – मानव संसाधन – पर केंद्रित होगी।
उन्होंने कंपनी की ‘ग्रीन स्टील’ पहल की जानकारी देते हुए कहा कि इसमें हाइड्रोजन-आधारित स्टील निर्माण के परीक्षण, कार्बन कैप्चर तकनीक, बायोचार इंजेक्शन और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा, "जलवायु परिवर्तन इस्पात उद्योग के सामने एक बड़ी चुनौती है, और सेल इस बदलाव की अगुवाई करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।"
भविष्य की ओर दो निर्णायक कदम
सेल प्रमुख ने बताया कि कंपनी ने दो प्रमुख परिवर्तनकारी कार्यक्रम शुरू किए हैं – ‘प्रवर्तनम’ (डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन) और ‘सेल दर्पण’ (मानव संसाधन परिवर्तन)। इनका उद्देश्य सेल की इकाइयों में आत्मनिर्भर और सशक्त इकोसिस्टम तैयार करना है।
"भविष्य के लिए तैयार है सेल"
अपने संबोधन के अंत में श्री अमरेंदु प्रकाश ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा, "सेल में वह क्षमता, दूरदृष्टि और दृढ़ता है, जिससे यह भविष्य की चुनौतियों को पार कर एक नए मुकाम पर पहुंचेगा। हम भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार हैं।"