सौरभ भारद्वाज ने बताया कि कल सुबह करीब 5:15 बजे ईडी के अधिकारियों ने उनके घर पर छापा मारा। इस दौरान डिप्टी डायरेक्टर रवश भारद्वाज, असिस्टेंट डायरेक्टर मयंक अरोड़ा, एनफोर्समेंट ऑफिसर विकास कुमार, वरुण कुशवाहा, मनीष, और अन्य अधिकारी मौजूद थे। भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने अपने घर की तलाशी की अनुमति दी और अधिकारियों ने पूरे घर की तलाशी ली। इस दौरान उनकी छोटी बेटी, जो नर्सरी में पढ़ती है, स्कूल जाने की तैयारी कर रही थी, जिसे उन्होंने स्कूल भेज दिया।
तलाशी के दौरान ईडी को दिल्ली हाई कोर्ट में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दायर एक हलफनामा (एफिडेविट) मिला, जो एक पब्लिक डॉक्यूमेंट है। भारद्वाज ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि यह वही दस्तावेज था, जिसे वे लंबे समय से ढूंढ रहे थे। इसके अलावा, ईडी ने उनके 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए दिए गए हलफनामे को भी जब्त किया, जो इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर पहले से उपलब्ध है। भारद्वाज ने इसे "इंक्रिमिनेटिंग डॉक्यूमेंट" बताने पर ईडी की मंशा पर सवाल उठाए।
भारद्वाज ने बताया कि ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर मयंक अरोड़ा ने उनके साथ बैठकर 43 सवालों के जवाब रिकॉर्ड किए। उन्होंने हर सवाल का विस्तार से जवाब दिया और दावा किया कि उनके पास ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग्स और दस्तावेजी सबूत हैं, जो यह साबित करते हैं कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और कुछ अधिकारियों ने उनके खिलाफ साजिश रची। हालांकि, जब स्टेटमेंट को अंतिम रूप देने की बात आई, तो ईडी ने उनके बयान के कुछ हिस्सों को हटाने की कोशिश की। भारद्वाज ने कहा कि मयंक अरोड़ा ने उनके बयान को गूगल ड्राइव और व्हाट्सएप के जरिए किसी तीसरे पक्ष, संभवतः बीजेपी या एलजी ऑफिस, के साथ साझा किया।
भारद्वाज ने आरोप लगाया कि ईडी ने पहले पंचनामे में हाई कोर्ट का हलफनामा शामिल किया, लेकिन बाद में इसे हटा दिया क्योंकि यह उनके खिलाफ सबूत के रूप में काम कर सकता था। उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज उनके द्वारा स्वास्थ्य मंत्री के रूप में लिए गए निर्णयों को दर्शाता है, जिसमें अस्पतालों की देरी के लिए की गई बैठकों और निर्देशों का उल्लेख है। भारद्वाज ने दावा किया कि ईडी ने इस दस्तावेज को चोरी कर लिया और पंचनामे से हटा दिया।
भारद्वाज ने पंचों की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि पंच के रूप में पंजाब एंड सिंध बैंक की मैनेजर स्नेहा जैसवाल मौजूद थीं, जिन्होंने ईडी के कहने पर ही दस्तखत किए। भारद्वाज ने कहा कि पंचनामे में असल घटनाक्रम को दर्ज नहीं किया गया, जैसे कि उनके बयान में हेरफेर और दस्तावेज को हटाने की प्रक्रिया। उन्होंने सुझाव दिया कि स्वतंत्र पत्रकारों जैसे रवीश कुमार, अजीत अंजुम, या अभिसार शर्मा को पंच बनाया जाना चाहिए था।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ईडी ने उनके और उनके परिवार पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश की। उनकी 11 साल की बेटी ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा, और मजाक में कहा कि इससे वह स्कूल में "फेमस" हो जाएगी। भारद्वाज ने बताया कि ईडी ने बार-बार उन्हें धमकाया और स्टेटमेंट में बदलाव करने के लिए दबाव डाला।
भारद्वाज ने दावा किया कि उनके पास उपराज्यपाल और अधिकारियों की साजिश के ऑडियो-वीडियो और दस्तावेजी सबूत हैं, जिन्हें वे उचित समय पर कोर्ट में पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि मयंक अरोड़ा के लैपटॉप और उनके घर के प्रिंटर की मेमोरी में उनके मूल बयान और हेरफेर के सबूत मौजूद हैं। उन्होंने मीडिया से मांग की कि ईडी पर दबाव बनाया जाए ताकि इस लैपटॉप और प्रिंटर की फॉरेंसिक जांच हो।
भारद्वाज ने कहा कि ईडी और केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली देश में ईमानदारी को खत्म कर रही है। उन्होंने अपनी बेटी के स्कूल टीचर के हवाले से बताया कि उनकी बेटी क्लास में कहती है कि "सब कुछ पैसा है, बाकी कुछ नहीं।" उन्होंने इसे मौजूदा माहौल का नतीजा बताया, जहां ईमानदार लोगों को अपमानित किया जा रहा है।
भारद्वाज ने व्यंग्य करते हुए कहा कि ईडी ने दावा किया कि उनके 13 ठिकानों पर छापा मारा गया, लेकिन उन्हें खुद नहीं पता कि ये ठिकाने कहां हैं। उन्होंने मांग की कि ईडी उन्हें इन ठिकानों की जानकारी दे ताकि वे इन्हें "कब्जे में ले सकें या बेच सकें।"
भारद्वाज ने कहा कि अगर उनकी गिरफ्तारी होती है, तो उनकी लीगल टीम और वकील समय-समय पर सोशल मीडिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सबूत पेश करेंगे। उन्होंने आम आदमी पार्टी की लीगल सेल के सदस्यों का जिक्र करते हुए कहा कि वे इस साजिश को पूरी दुनिया के सामने उजागर करेंगे।
सौरभ भारद्वाज ने मीडिया से अपील की कि वे ईडी पर दबाव बनाएं और इस मामले की गहराई से जांच करें। उन्होंने कहा कि अगर आज इस मुद्दे को दबाया गया, तो कल कोई भी सुरक्षित नहीं रहेगा।
सौरभ भारद्वाज की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस ईडी और केंद्र सरकार के खिलाफ उनके गंभीर आरोपों के कारण चर्चा में है। उनके दावों और सबूतों की सत्यता की जांच अब कोर्ट और जांच एजेंसियों पर निर्भर करती है। इस मामले में अगले कुछ दिनों में और खुलासे होने की संभावना है।