डिजिटल भारत में डाक विभाग की नई भूमिका
डॉ. पेम्मासानी ने स्पष्ट किया कि इंडिया पोस्ट और आईपीपीबी के बीच बेहतर समन्वय से देश के अंतिम छोर तक भरोसेमंद और किफायती सेवाएं पहुंचाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा, "वित्तीय समावेशन, जनविश्वास और अंतिम मील तक सेवा पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।"
उल्लेखनीय उपलब्धियां:
बैठक में अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, आईपीपीबी ने हाल के वर्षों में जबरदस्त प्रगति की है –
* 12 करोड़ से अधिक ग्राहक
* 20,000 करोड़ रुपए से अधिक जमा राशि
* 2,200 करोड़ का वार्षिक राजस्व
* 134 करोड़ रुपए का लाभ
* 60-70% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR)
महज 1,250 कर्मचारियों के सहयोग और 1.64 लाख से अधिक डाकघरों की सहायता से, यह बैंक डिजिटल ग्रामीण बैंकिंग का एक सशक्त उदाहरण बनकर उभरा है।
ग्रामीण ऋण योजनाओं में मजबूती
बैठक में बताया गया कि बैंक ने एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, आदित्य बिड़ला कैपिटल तथा आधार हाउसिंग फाइनेंस के साथ साझेदारी की है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण सुविधाएं आसान हो सकें।
जून 2025 के दौरान ही, 150 से अधिक ऋणों में कुल 7 करोड़ रुपये से अधिक वितरित किए गए हैं। छोटे टिकट के डिजिटल ऋण उत्पादों पर भी काम चल रहा है ताकि सूक्ष्म व्यवसायों और ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त किया जा सके।
डाक और डिजिटल का संगम
डॉ. पेम्मासानी ने डाकघरों और ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) के सहयोग से ग्रामीण भारत तक पहुंच बनाई जा रही डिजिटल सेवाओं की सराहना की। इनमें बिजली-पानी के बिल भुगतान, ई-केवाईसी, पेंशनभोगियों के डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा:
"अब देश के सबसे दूरस्थ गांवों में भी बैंकिंग और डाक सेवाएं घर तक पहुंच रही हैं – यही डिजिटल भारत की असली ताकत है।"
भविष्य की दिशा
अधिकारियों ने जानकारी दी कि इंडिया पोस्ट और आईपीपीबी मिलकर एक मजबूत, डिजिटल और समावेशी वित्तीय सेवा नेटवर्क तैयार कर रहे हैं। इसका लक्ष्य है – हर भारतीय तक भरोसेमंद बैंकिंग और डाक समाधान पहुंचाना।